उन्होंने सवाल किया कि क्या आप अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय रूप से तैयार है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, घर खरीदने, रिटायरमेंट और वेकेशन के लिए पैसे कमाता है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के लिए गोल प्लानिंग बेहद जरूरी है। उसे पता होना चाहिए कि वह क्यों कमा रहा है?
इस सत्र में राठौर ने बताया कि बचत क्या होती है और किस प्रकार बचत और निवेश अलग-अलग होते हैं। उन्होंने कहा कि लोग आय में से खर्चे घटाकर बचत करते हैं जबकि बचत का फॉर्मूला है, पैसा कमाओं उसमें बचत घटाकर खर्चे करों, क्या यह प्रेक्टिकली संभव है। लोगों को निवेश इस तरह करना चाहिए ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। सोना, इक्विटी, प्रॉपर्टी, बैंक खाते और म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे और नुकसान पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर फाइनेंशियल प्लानर और कॉरपोरेट ट्रेनर नवनीत धवन ने कहा कि आपका निवेश पूरी तरह प्लान्ड होना चाहिए। शुरुआत में आपको कंटीजेंसी प्लानिंग करनी चाहिए। सामान्यत: लोग निवेश और इंशोरेंस को एक ही मानकर चलते हैं, ऐसा करना गलत हैं।