नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो 3 साल में उच्चतम स्तर पर है। इस बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने पिछले 3 सालों में विकास दर में गिरावट के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को जिम्मेदार ठहराया है।
बढ़ता एनपीए, बैंकिंग क्षेत्र में गैरनिष्पादित संपत्तियों के कारण से वृद्धि में कमी आई थी। 2014 में जब नई सरकार आई, तो ये आंकड़े लगभग 4 लाख करोड़ रुपए थे। 2017 के मध्य तक यह 10.5 लाख करोड़ रुपए हो गया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि जिस इंडस्ट्री ने देश की अर्थव्यवस्था को प्रेरित किया उसे बैंकों से पैसा नहीं मिल रहा था, जिससे बाजार में सुस्तता बढ़ी और जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट आई। राजीव कुमार ने कहा कि मध्यम और लघु उद्योग जैसे कुछ मामलों में क्रेडिट वास्तव में घट गया। कुछ वर्षों में नकारात्मक वृद्धि हुई।