विश्लेषकों के मुताबिक, दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर स्थिर रहा, लेकिन निवेशकों को डॉलर में तेजी आने की उम्मीद है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पीली धातु पर दबाव बना हुआ है। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में जल्द ही फिर बढ़ोतरी किए जाने की संभावनाओं का असर भी है।