Gold Silver rates and Demand : करवा चौथ पर देशभर में सोने चांदी के दाम ऑलटाइम हाई बने हुए हैं। आम आदमी गहनों की खरीद में व्यस्त है तो निवेशक गोल्ड ईटीएफ, बांड, सिक्के और सोने चांदी की वस्तुओं में निवेश कर रहा है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता ने सोने को आसमान पर पहुंचाया तो त्योहारी सीजन में चांदी की औद्योगिक मांग ने चांदी के दाम में चार चांद लगा दिए। जैसे जैसे दोनों धातुओं के दाम बढ़ रहे हैं उनकी मांग भी बढ़ती जा रही है। यहां तक कि मांग और सप्लाय में अंतर की वजह से लोगों को बाजार से चांदी खरीदने के लिए प्रीमियम देना पड़ रहा है। जानिए सोने और चांदी की इस प्रतिस्पर्धा में कैसा होगा दोनों धातुओं का भविष्य?
सोने चांदी पर करीबी नजर रखने वाले वीरेंद्र व्यास ने बताया कि MCX पर चांदी करीब 1,49,000 रुपए प्रति किलो है जबकि चांदी के दाम अलग अलग शहरों में अलग अलग हो सकते हैं। उत्तर भारत में अधिकांश शहरों में इसके दाम 1,56,000 रुपए के करीब है। इस पर 3 प्रतिशत जीएसटी भी लगता है।
उन्होंने कहा कि बाजार में चांदी की मांग और सप्लाय में काफी अंतर है। इस वजह से कई स्थानों पर डिलिवरी में समस्या आ रही है। इसका फायदा उठाकर कुछ लोग इसे प्रीमियम पर बेच रहे हैं। वैसे तो चांदी में प्रीमियम आम है लेकिन मांग बढ़ने पर प्रीमियम और बढ़ जाता है। यह स्थिति त्योहारी सीजन में ज्यादा दिखाई देती है।
अमेरिका ने चांदी को बनाया क्रिटिकल मिनरल : व्यास ने बताया कि अमेरिका ने इसे क्रिटिकल मिनरल में शामिल किया तो इसके दाम में और इजाफा हुआ। इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। चांदी में किसी भी धातु की तुलना में सबसे अधिक विद्युत चालकता, तापीय चालकता और परावर्तकता होती है, जिससे यह विभिन्न तकनीकों के लिए आवश्यक है। इलेक्ट्रॉनिक्स में सर्किट बोर्ड और विद्युत कनेक्शन से लेकर सौर ऊर्जा और चिकित्सा उपकरणों तक, चांदी के कई उपयोग आधुनिक उद्योगों में महत्वपूर्ण हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी हाई : उन्होंने कहा कि चांदी प्रेशियस और इंडस्ट्रियल मेटल भी है। एक समय जब सोने के दाम तेजी से बढ़ रहे थे तब चांदी अंडरपरफार्म थी। इसके बाद इसके चांदी के दाम काफी तेजी से बढ़े। जब भारत में चांदी ऑलटाइम हाई है और इंटरनेशनल बाजार में भी यह 48.80 डॉलर प्रति ओंस के साथ अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंच चुकी है। यहां भी यह नए स्तर को छू सकती है।
चांदी पर क्यों लगा प्रीमियम : सराफा व्यापारी संजय अग्रवाल ने बताया कि सोलर पैनल से लेकर ईवी गाड़ियों में चांदी का इस्तेमाल हो रहा है। इस वजह त्योहारी सीजन में इसकी इंडस्ट्रीयल मांग काफी बढ़ जाती है। त्योहारी सीजन में बाजार में भी चांदी की मांग काफी बढ़ जाती है। इस वजह से इस पर प्रीमियम लग जाता है। उन्होंने कहा कि बुधवार को इंदौर में चांदी पर 6000 रुपए प्रीमियम चल रहा था। इसके अतिरिक्त ग्राहकों को 3 फीसदी जीएसटी भी चुकाना होता है।
योगेश बागौरा के अनुसार, रुपए की वैल्यू के कारण फिजिकल चांदी खरीदने पर RTGS कभी ऊपर तो कभी नीचे होता है। हालांकि ज्यादातर लोगों को इसकी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि डिमांड की वजह से भी रेट में अंतर आता है। जब डिमांड ज्यादा होती है तो लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी होती है। वहीं डिमांड कम होने पर कम पैसे देने होते हैं।
गोल्ड का रिटर्न चांदी से ज्यादा : बागौरा ने कहा कि अनिश्चितता की स्थिति में गोल्ड का फ्यूचर चांदी से ज्यादा ब्राइट है। जब जब में बाजार में अनिश्चितता रहेगी। गोल्ड का रिर्टन चांदी से ज्यादा रहेगा। उन्होंने कहा कि सोने को सेफ हैवन कहा जाता है, यह दर्जा चांदी के पास नहीं है। युद्ध काल या अन्य विषम परिस्थितियों में जब औद्योगिक उत्पादन कम हो जाता है चांदी की मांग घट जाती है। इस वजह से इसके दाम भी गिर जाते हैं। गोल्ड में लोग निवेश के उद्देश्य से पैसा लगाते हैं।
1 किलो चांदी से ज्यादा हो सकते हैं 10 ग्राम सोने के दाम : उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में सोने और चांदी दोनों की मांग और दाम चरम पर है। रूस युक्रेन युद्ध अगर बढ़ता है और नाटो भी इसमें शामिल हो जाता है तो 10 ग्राम सोने के दाम 1 किलो चांदी से भी ज्यादा हो सकते हैं।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।