निक्केई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के साथ नए ऑर्डरों में लगातार दूसरे महीने कमी आई है, हालांकि जुलाई में इसकी गिरावट की दर कुछ कम रही। कंपनियों ने इसे देखते हुए नौकरियों में भी छंटनी की है। इसके साथ उनकी लागत में भी मामूली इजाफा हुआ है। निक्केई द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली कंपनियों ने हालांकि भविष्य में विकास की उम्मीद को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं।
रिपोर्ट की लेखिका और आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने इन आंकड़ों के बारे में कहा, सेवा क्षेत्र अगस्त में निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का कारक रहा है। विनिर्माण की तेजी को सेवा क्षेत्र की गिरावट ने बेअसर कर दिया।
सुश्री लीमा ने कहा सेवा क्षेत्र में अनिश्चितता का रुख बना हुआ है। कंपनियों ने फिलहाल निवेश टाल दिया है जिससे नौकरियां कम हो रही हैं। साथ ही लागत मूल्य बढ़ रहा है और कंपनियां प्रतिस्पर्द्धा के दबाव में इसका बोझ ग्राहकों पर नहीं दे पा रही हैं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा है कि जुलाई की तुलना में अगस्त में गिरावट कम रहने से साफ है कि सब कुछ बिलकुल अंधकारमय नहीं है। (वार्ता)