टॉप 5 Economy में कैसे पहुंचा भारत? बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दे क्यों पड़ सकते हैं 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के सपने पर भारी

नृपेंद्र गुप्ता

शनिवार, 3 सितम्बर 2022 (16:05 IST)
रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रहे ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की ओर बढ़ रहे भारत के लिए यह उपलब्धि बेहद खास है। आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाकर भारत इस मुकाम पर पहुंचा है। 10 साल पहले अर्थव्यवस्था के मामले में भारत 11वें स्थान पर था। अब भारत से ऊपर केवल 4 देश अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी है। हालांकि पहली बार अर्थव्यवस्था के मोर्च पर भारत ब्रिटेन से आगे नहीं है।  2019 में भी भारत कुछ समय के लिए यह उपलब्धि हासिल कर चुका है।
 
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत की उपलब्धि में मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'मेड इन इंडिया' अभियानों का भी बड़ा हाथ है। इसे INS Vikrant के उदाहरण से भी समझा जा सकता है। भारत ने 20 हजार करोड़ की लागत से सबसे बड़ा विमानवाहक पोत बनाया। इसमें लगा 76 फीसदी सामान स्वदेशी था, इस वजह से न सिर्फ हजारों लोगों को रोजगार मिला बल्कि पैसा भी भारतीय अर्थव्यवस्था में ही रोटेट भी हुआ। इसी तरह भारत में चल रहे हजारों प्रोजेक्ट्स में स्वदेशी सामान को बढ़ावा दिया जा रहा है। अप्रैल से जून तिमाही में भारत की GDP 13.5 प्रतिशत रही।
 
भारत को आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का भी फायदा मिल रहा है। मॉर्निंग कंसल्ट सर्वे के अनुसार पीएम मोदी को ग्लोबल लीडर्स में 75% अप्रूवल रेटिंग मिली है। यही वजह से की जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं, भारत मजबूती से खड़ा है। FDI, FII आदि विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर बना हुआ है।
 
केंद्र सरकार ने अगस्त में 143612 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया, जिसमें 24710 करोड़ रुपए का CGST, 30951 करोड़ रुपए SGST, 77782 करोड़ रुपए का इंटीग्रेटेड GST और 10168 करोड़ रुपए का सेस कलेक्शन शामिल है। पिछले साल के अगस्त महीने के मुकाबले यह 28 फीसदी ज्यादा है। लगातार 6 महीने से सरकार को 1.40 लाख करोड़ से ज्यादा जीएसटी कलेक्शन मिला है।
 
अरबपतियों की ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में टॉप 11 अमीरों में 2 भारतीय गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के नाम है। अडानी  की संपत्ति इस साल 2022 में अब तक 3560 करोड़ डॉलर बढ़ी है और 11.2 हजार करोड़ डॉलर की नेटवर्थ के साथ वह दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स हैं। अंबानी की संपत्ति 8570 करोड़ डॉलर आंकी गई है। एक समय था जब हम टॉप 100 की सूची एक दो नाम देखने को तरस जाते थे।
 
हालांकि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सब कुछ अच्छा ही नहीं हो रहा है। भारत की जनता भी महंगाई की मार झेल रही है। बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ी है वहीं किसानों को भी कई बार फसलों का समुचित दाम नहीं मिल पाता है। हाल ही में किसानों को 50 पैसे प्रति किलों की दर से लहसुन बेचना पड़ी। इससे लहसुन को मंडी तक पहुंचाने का किराया भी नहीं निकल पाया।
 
महंगाई : देश की जनता महंगाई से बुरी तरह परेशान है। खुदरा महंगाई दर 6.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 12 राज्यों में महंगाई दर 7 प्रतिशत से ज्यादा है तो 3 राज्यों में यह 8 फीसदी से भी अधिक है। दूध, आटा आदि वस्तुओं के दाम बढ़ने से आम आदमी के जनजीवन प्रभावित हुआ है। हालांकि रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि अप्रैल में महंगाई दर अपने शीर्ष 7.8 फीसदी पर थी, इसके बाद से महंगाई लगातार कम हो रही है। उन्होंने दावा किया कि महंगाई का चरम जा चुका है। आने वाले दिनों में महंगाई कम होगी और विकास की रफ्तार बढ़ेगी।

प्रति व्यक्ति आय : देश की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय 2021-22 में स्थिर कीमतों पर 91,481 रुपए रही, जो कोविड से पहले के स्तर से नीचे है। हालांकि, स्थिर मूल्य पर शुद्ध राष्ट्रीय आय (NNI) के आधार पर प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2021-22 में इससे पिछले वर्ष के मुकाबले 7.5 प्रतिशत बढ़ी। कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से लगे लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बाधित हुईं थीं। इस कारण स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 2019-20 में 94,270 रुपए से घटकर 2020-21 में 85,110 रुपए रह गई। महंगाई बढ़ने और प्रति व्यक्ति आय नहीं बढ़ने से आम आदमी की मुश्किलों में इजाफा हुआ।
बेरोजगारी : सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर अगस्त में एक साल के उच्चस्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दौरान रोजगार पिछले महीने की तुलना में 20 लाख घटकर 39.46 करोड़ रह गया। अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.6 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई। अनियमित वर्षा ने बुवाई गतिविधियों को प्रभावित किया और यह ग्रामीण भारत में बेरोजगारी बढ़ने का एक कारण है। जुलाई में बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत थी तथा रोजगार 39.7 करोड़ था। 
 
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार का हाल : भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया। आंकड़ों के अनुसार, स्वर्ण भंडार भी 27.1 करोड़ डॉलर घटकर 39.643 अरब डॉलर पर आ गया था। 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भी विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रहा था। इस तरह पिछले 15 दिनों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडाल में 10 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
 
मूडीज ने क्यों घटाया GDP ग्रोथ रेट का अनुमान : साख निर्धारण करने वाली मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया। इस संस्था का मानना है कि बढ़ती ब्याज दरें, असमान मानसून और धीमी वैश्विक वृद्धि आर्थिक गति को क्रमिक आधार पर कम करेंगे। रिजर्व बैंक घरेलू मुद्रास्फीति दबाव को बढ़ने से रोकने के लिए सख्त नीतिगत रुख अपना सकता है।

बहरहाल भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। मोदी सरकार ने देश को 2024 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया हुआ है। बहरहाल अगर बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया तो निर्धारित समय पर 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो सकता है।

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