कोविड महामारी के चलते जब अर्थव्यवस्था और बिजनेस प्रभावित हो रहे थे, तब कंपनी हित में मुकेश अंबानी ने स्वेच्छा से अपना वेतन छोड़ दिया था। रिलायंस की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में अंबानी का पारिश्रमिक शून्य था।
गत 3 वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर की भूमिका के लिए मुकेश अंबानी ने वेतन के अलावा किसी भी प्रकार के भत्ते, अनुलाभ, सेवानिवृत्ति लाभ, कमीशन या स्टॉक ऑप्शनंस का लाभ भी नहीं लिया। इससे पहले व्यक्तिगत उदाहरण पेश करते हुए अंबानी ने अपनी सैलरी 15 करोड़ रुपए तक सीमित कर दी थी। वे 2008-09 से 15 करोड़ की सैलरी ले रहे थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज में निखिल मेसवानी की सैलरी वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1 करोड़ रुपए बढ़कर 25 करोड़ रुपए सालाना पहुंच गई। 25 करोड़ रुपए वार्षिक वेतन पर हितल मेसवानी भी कंपनी में काम कर रहे हैं। ऑइल और गैस बिजनेस से जुड़े पीएम प्रसाद का वेतन 2021-22 में 11.89 करोड़ था जो 2022-23 में बढ़कर 13.5 करोड़ हो गया।