नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि नई कर प्रणाली से मध्यम वर्ग को फायदा होगा क्योंकि इस व्यवस्था को अपनाने से करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा बचा रहेगा।
सीतारमण ने गत एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए नई कर प्रणाली को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई घोषणाएं की थीं। इसमें सात लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगाने की घोषणा सबसे अहम है।
उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में अडाणी समूह के शेयरों में जारी उठापटक के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि भारतीय नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। नियामकों को इस मसले की जानकारी है और वे हमेशा ही अपने काम को लेकर सजग रहते हैं।
क्रिप्टो मुद्राओं के नियमन के संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक साझा प्रारूप तैयार करने के बारे में जी20 देशों के साथ चर्चा चल रही है।
इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष (2023-24) में करीब 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है और कच्चे तेल की कीमतें कम होने पर इसमें और भी गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति का आकलन कच्चा तेल के 95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहने की संभावना के आधार पर किया गया है।
बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले कर्जों की दर पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बाजार प्रतिस्पर्द्धा उधारी एवं जमा की दरों को तय करेगी।