नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों को खुश करने के लिए मोदी सरकार एक बड़ा ऐलान कर सकती है। खबरों के अनुसार केंद्र सरकार फरवरी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ब्याज दर बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो लगभग 6 करोड़ कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इस वर्ष अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव हो सकते हैं।
खबरों की मानें तो पर मिलने वाले 8.55 प्रतिशत ब्याज में बढ़ोतरी कर सकता है। हाल ही में हुए ईपीएफओ की वार्षिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों को बढ़ाए जाने के संबंध में चर्चा हुई। चर्चा के बाद यह लगभग तय हो गया है कि ईपीएफओ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाएगी। खबरों के अनुसार पिछले दिनों अधिकारियों ने इस बात की संभावना जताई थी कि ईपीएफ की ब्याजदरों में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके अलावा महंगाई दर घटने की वजह से सैलरीड कर्मचारियों को ईपीएफ पर मिलने वाला वास्तविक ब्याज बढ़ा हैं।
खबरों के मुताबिक ईपीएफओ ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जो पीएफ खाते में नकदी वाले और ईटीएफ वाले हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा। यदि खाते में नकद और ईटीएफ निवेश अलग-अलग दिखने लगेंगे तो ईपीएफओ का अगला बड़ा कदम अंशधारकों को शेयर में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प देने का होगा।
गौरतलब है कि ईपीएफओ के शीर्ष निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने वर्ष की शुरुआत में संगठन से अंशधारकों को शेयरों में निवेश घटाने-बढ़ाने का विकल्प मुहैया कराने की संभावना तलाशने को कहा था। पिछले दो सालों से पीएफ ब्याज दर घट रही है। साल 2018 में पीपीएफ और एनएससी से मिलने वाले औसत रिटर्न लगभग 7.7 फीसदी रहा है। वहीं, ईपीएफ में जमा रकम पर 8.55 प्रतिशत ब्याज मिला है।