रिलायंस इंडस्ट्रीज को रिकॉर्ड 7398 करोड़ मुनाफा

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016 (19:57 IST)
मुंबई। पेट्रोकेमिकल सहित विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली देश की प्रमुख निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को इस साल 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में समग्र आधार पर 7398 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ हुआ है, जो 2014-15 की अंतिम तिमाही के 6381 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ की तुलना में 15.94 प्रतिशत अधिक है।
हालांकि, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट के कारण तिमाही के दौरान उसके राजस्व में 10.96 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 69 हजार 642 करोड़ रुपए से घटकर 62010 करोड़ रुपए रह गया। राजस्व के साथ उसका निर्यात भी 17.5 प्रतिशत घटकर 30935 करोड़ रुपए का रह गया।

कंपनी ने बताया कि तिमाही के दौरान उसका शुद्ध तथा कर पूर्व मुनाफा अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर रहा है। उसने बताया कि पूरे वित्त वर्ष के दौरान भी उसे रिकॉर्ड मुनाफा हुआ है।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने परिणामों की घोषणा करते हुए कहा कि 2015-16 हमारे हाइड्रोकार्बन कारोबार के लिए विशिष्ट उपलब्धियों का साल रहा है। इस दौरान मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं से कंपनी अक्षुण्ण रही। रिफाइनिंग तथा पेट्रोकेमिकल्स कारोबार का परिचालन तथा वित्तीय प्रदर्शन रिकॉर्ड स्तर पर रहा। भविष्य में हम हाइड्रोकार्बन तथा उपभोक्ता कारोबार में नये विकास मंचों की स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

अंबानी ने कहा कि इस साल जियो सेवाओं की व्यावसायिक शुरुआत होगी, जिससे एक अरब भारतीयों को डिजिटली सक्षम बनाने तथा भारत और रिलायंस के विकास में मददगार होगा।
 
कंपनी को पूरे वित्त वर्ष के दौरान समग्र आधार पर 27 हजार 630 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ जो वित्त वर्ष 2014-15 के 23566 करोड़ रुपए से 17.25 फीसदी अधिक है। इस दौरान समग्र आय में गिरावट रही। यह वित्त वर्ष 2014-15 के तीन लाख 83 हजार 930 करोड़ रुपए से 25.99 प्रतिशत गिरकर दो लाख 84 हजार 156 करोड़ रुपए पर आ गई।
 
कंपनी ने बीएसई को बताया कि निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कोई अंतिम लाभांश मंजूर नहीं किया है। इस साल 10 मार्च को हुई बैठक में स्वीकृत अंतरिम लाभांश ही आलोच्य वित्त वर्ष के लिए कंपनी का लाभांश होगा। निदेशक मंडल ने तब 10 रुपए अंकित मूल्य के प्रति शेयर पर 10.50 रुपए अंतरिम लाभांश को मंजूरी दी थी।

कंपनी को गत वित्त वर्ष सर्वाधिक राजस्व रिफायनिंग से प्राप्त हुआ। हालांकि, कच्चा तेल की वैश्विक कीमतें गिरने के कारण सालाना आधार पर इसमें कमी आई है। रिफायनिंग क्षेत्र का कुल राजस्व इस दौरान तीन लाख 39 हजार 890 करोड़ रुपए से 30.88 प्रतिशत घटकर दो लाख 34 हजार 946 करोड़ रुपए पर आ गया है।
 
इस दौरान उसके ऋण में भी बढ़ोतरी हुई है। कंपनी का कुल ऋण वित्त वर्ष 2014-15 के एक लाख 60 हजार 860 करोड़ रुपए से 12.57 प्रतिशत बढ़कर एक लाख 81 हजार 79 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। (वार्ता)

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