आइडिया के प्रबंध निदेशक हिमांशु कपानिया ने बताया, यह पूरी तरह नकदी सौदा है और इससे मिलने वाली राशि को वोडाफोन के साथ विलय पूरा होने तक एक अलग खाते में रखा जाएगा। हमारे 9900 टावरों के लिए इस सौदे की राशि 4000 करोड़ रुपए रहेगी।
क्या आइडिया इस सौदे की राशि का इस्तेमाल अपने कर्ज को चुकाने के लिए करेगी, यह पूछे जाने पर कपानिया का जवाब नकारात्मक रहा। उन्होंने कहा कि यह बिक्री विलय सौदे की शर्तों के तहत ही है, जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी गैर प्रमुख आस्तियों टावरों को बेचने पर सहमति जताई थी।
इससे पहले दोनों कंपनियों ने शेयर बाजारों को एक संयुक्त बयान में कहा कि आइडिया सेल्यूलर, आइडिया सेल्यूलर इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (आईसीआईएसएल) में अपने पूरी हिस्सेदारी जबकि वोडाफोन अपना एक 'व्यावसायिक उपक्रम' एटीसी टेलीकाम इन्फ्रा को बेचेगी।
बयान में आगे कहा गया है, वोडाफोन और आइडिया के प्रस्तावित विलय से पहले इनके अपने अलग-अलग टावर व्यवसायों की बिक्री पूरा होने पर वोडाफोन इंडिया को 3,850 करोड़ रुपए और आइडिया को 4,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस तरह से पूरा सौदा 7850 करोड़ रुपए का हुआ।
इस सौदे के 2018 की पहली छमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। दोनों के पास इस प्रकार के कुल मिला कर 20,000 दूरसंचार टावर हैं। बयान में आगे कहा गया है कि टावर कारोबार के सौदों का दोनों के विलय की शर्तों पर कोई असर नहीं होगा। (भाषा)