RBI के रेपो दर में कटौती को लेकर क्या बोले विशेषज्ञ

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025 (19:49 IST)
repo rate cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो दर (repo rate) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने पर विशेषज्ञों ने कहा है कि इससे ब्याज दरों पर लंबे समय से प्रतीक्षित राहत मिलेगी और आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को सुस्त पड़ रही अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से लगभग 5 साल बाद प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया।ALSO READ: RBI ने 5 साल बाद घटाई रेपो दर, कम होगी EMI, मौद्रिक नीति की 10 खास बातें
 
क्रिसिल लिमिटेड के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति में हाल में आई कमी तथा आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए आरबीआई ने रेपो दर में कटौती की है। हालांकि एमपीसी ने नीतिगत रुख को 'तटस्थ' बनाए रखा है। यह बताता है कि आरबीआई परिस्थिति के अनुसार जरूरी कदम उठाएगा।ALSO READ: इतना है भारतीय महिलाओं का गोल्ड पावर कि कई देशों का गोल्ड रिजर्व भी है इनसे पीछे, जानिए पूरी डीटेल
 
उन्होंने कहा कि भविष्य में एमपीसी का कदम घरेलू मुद्रास्फीति की स्थिति पर निर्भर करेगा। आनंद राठी समूह के मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा ने कहा कि हमारी उम्मीदों के अनुरूप आरबीआई ने घरेलू वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है, क्योंकि सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति धीरे-धीरे अपने लक्ष्य सीमा की ओर बढ़ रही है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के बजट में कर राहत जैसे उपभोग को बढ़ावा देने वाले उपाय भी शुरू किए हैं। अब आरबीआई द्वारा रेपो दर घटाकर वृद्धि को और अधिक समर्थन मिलने की उम्मीद है। इन सकारात्मक उपायों को ध्यान में रखते हुए हम चालू वित्त वर्ष के लिए अपने सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान पर दृढ़ बने हुए हैं।ALSO READ: डिजिटल फ्रॉड से निपटने के लिए RBI का बड़ा एक्शन, कार्ड नॉट प्रेजेंट में सुरक्षा की एक ओर लेयर
 
रेपो दर को घटाने का निर्णय स्वागतयोग्य : श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक और मुख्य निवेश अधिकारी अश्विनी धनावत ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाने का निर्णय स्वागत योग्य और अपेक्षित कदम है।
 
उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार राजकोषीय समेकन के लिए प्रयासरत है जिसका लक्ष्य चालू वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत और 2025-26 में घटाकर 4.4 प्रतिशत करना है, इसलिए दर में यह कटौती निवेश के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने तथा उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है।
 
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संघ सियाम के अध्यक्ष और टाटा पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड एवं टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि हाल ही में पेश बजट में व्यक्तिगत आयकर में छूट के तुरंत बाद इस समय दरों में कमी से निश्चित रूप से वाहन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे वित्तपोषण लागत कम होने से पहुंच बढ़ेगी जिससे पूरे बाजार में सकारात्मक धारणा पैदा होगी।
 
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि वह नीतिगत दर रेपो को घटाने का आरबीआई का निर्णय उपभोग को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को समर्थन प्रदान करेगा।ALSO READ: देश में डिजिटल भुगतान 11.1 फीसदी बढ़ा, RBI ने जारी किए आंकड़े
 
उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा ब्याज दर में कटौती का लाभ दिए जाने पर उद्योग के लिए पूंजीगत लागत कम हो जाएगी। चड्ढा ने कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं, बाहरी चुनौतियों से निपटने के लिए घरेलू उद्योग को समर्थन देने की आवश्यकता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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