Wholesale inflation: नई दिल्ली। देश में थोक बाजारों में वस्तुओं की कीमतें अप्रैल 2023 में कुल मिलाकर सालाना आधार पर नीचे रहीं, जो अर्थव्यवस्था में मांग की कमजोरी दर्शाता है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में अप्रैल में थोक मूल्य सूचकांक (wpi) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2023 में शून्य से 0.92 प्रतिशत नीचे रही।
मार्च 2023 में दर्ज थोक मूल्यों आधारित मुद्रास्फीति 1.34 प्रतिशत थी। यह इसका करीब 3 साल का न्यूनतम स्तर है। सोमवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अप्रैल 2023 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से बुनियादी धातुओं, खाद्य उत्पादों, खनिज तेल, कपड़ा, गैर-खाद्य वस्तुओं, रासायनिक और रासायनिक उत्पादों, रबर और प्लास्टिक उत्पादों और कागज और कागज उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण है।
पिछले कई महीनों से थोक और खुदरा दोनों ही तरह की महंगाई दर में गिरावट का रुख बना हुआ है। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.70 प्रतिशत पर आ गई, जो इसका 18 महीने का निचला स्तर है।
बीडीआर फार्मा के सीएफओ धीर शाह ने कहा कि अप्रैल में थोक महंगाई दर करीब 3 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई। थोक मूल्य सूचकांक के विनिर्माण, प्राथमिक वस्तु और ईंधन तथा बिजली क्षेत्रों सहित अधिकांश घटकों में विभिन्न कारणों से नरमी है।
उन्होंने कहा कि मानसून की शुरुआत से पहले थोक मुद्रास्फीति में गिरावट एक बड़ी सकारात्मक बात है। आगे मानसून सीजन अच्छा रहा तो थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति को स्थिर रखने में मदद मिलेगी, हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से थोक और खुदरा मुद्रास्फीति दोनों को खतरा हो सकता है। शाह की राय में महंगाई के इन आंकड़ों से रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दर में वद्धि के सिलसिले पर विराम की अवधि को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वैश्विक बाजारों में मंदी के माहौल के बीच भारत से वाणिज्यक वस्तुओं का निर्यात अप्रैल 2023 में एक साल पहले की तुलना में 12.69 प्रतिशत गिरकर 34.66 अरब डॉलर तथा के बराबर रहा। इसी तरह अप्रैल में वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात अप्रैल 2022 के 58 अरब डालर की तुलना में 49.90 अरब डॉलर रहा।(वार्ता)