आ सकता है एक और राहत पैकेज

बुधवार, 7 जनवरी 2009 (17:54 IST)
आर्थिक मंदी के असर को कम करने और नौकरियाँ बचाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाने को तैयार है। इसके लिए सरकार ने बुधवार को एक और पैकेज लाने के संकेत भी दिए।

वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने भारत-अमेरिका वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के 5वें आर्थिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यहाँ कहा कि सरकार नौकरियों को बचाने को सर्वोच्च प्राथमिता देगी।

इसके लिए सभी संभव कदम उठाए जाएँगे। उद्योगों के लिए एक और प्रोत्साहन पैकेज लाने के सवाल पर उन्होंने कहा दुनिया के अनेक विकसित देशों में छाई मंदी को देखते हुए वर्ष 2009 काफी मुश्किल साल होगा।

कुमार ने कहा सरकार आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बनाए रखने के लिए एक लाख करोड़ रुपए की ढाँचागत परियोजनाओं को जल्द शुरू करने को प्राथमिकता दे रही है।

उन्होंने कहा अब से लेकर अगले सात-आठ वर्षों में ढाँचागत परियोजनाओं में 500 अरब डॉलर 2400000 करोड़ रुपए का निवेश होने की उम्मीद है।

अश्विनी कुमार ने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक काफी मजबूत हैं और इस साल आर्थिक वृद्धि की दर 7 प्रतिशत तक रहेगी, जबकि वर्ष 2009-2010 में इसके 6.5 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।

उन्होंने माना कि वर्ष 2009 काफी मुश्किल वर्ष रहेगा। विकसित देशों में छाई मंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी रहेगा। सरकार ने इससे निपटने के कई उपाय घोषित किए हैं। उनका असर सामने आने में पाँच से छह महीने तक लग सकते हैं।

निर्यात कारोबार के बारे में पूछे जाने पर डॉ. अश्विनी ने कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों पर बराबर नजर रखे हुए है।

उन्होंने माना कि निर्यात के कुछ क्षेत्रों कपड़ी, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा उत्पाद पर विदेशों में माँग घटने का गहरा असर पड़ा है। सरकार घरेलू और निर्यात दोंनों क्षेत्रों की सतत निगरानी रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाएगी।

कुमार ने कहा दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का निर्माण आगामी 7 से 9 वर्ष में पूरा हो जाएगा। इसके निर्माण पर 90 अरब डॉलर का निवेश होने का अनुमान है। इसके साथ ही पूर्वी और पश्चिमी गलियारे को भी तैयार किया जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

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