लौह और इस्पात की कीमतों में गिरावट और इस क्षेत्र में मंदी से चिंतित सरकार ने शुक्रवार को उद्योग के लिए कर रियायतों की घोषणा की। साथ ही सरकार ने एविएशन टरबाइन फ्यूल पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया।
जहाँ एक ओर सरकार ने पिग आयरन, आयरन और स्टील इंगट छड़ें और राड जैसे आइटमों पर निर्यात शुल्क हटा दिया, वहीं इसने एटीएफ पर पाँच फीसदी का सीमा शुल्क खत्म कर दिया।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक खनन उद्योग की निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता सुधारने और इस क्षेत्र में लगे कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए सरकार ने मूल्य के आधार (एड वेलोरम) पर 15 फीसदी निर्यात शुल्क को हटा दिया है और इसकी जगह 200 रुपए प्रति टन का विशेष शुल्क लगाया है।
हालाँकि लौह अयस्क पिंड (लंप्स) पर निर्यात शुल्क को 15 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विभिन्न लौह एवं इस्पात आइटमों की कीमतों में गिरावट के रुख को देखते हुए सरकार ने निर्यात शुल्क हटाने का निर्णय किया है।
कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश पाने और घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में मई 2008 में लौह एवं इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाया गया था।
मंत्रालय के मुताबिक स्क्रैप पर निर्यात शुल्क मौजूदा स्तर पर बना रहेगा। शुल्क ढाँचे में सभी तरह के फेरबदल आज से प्रभावी होंगे।
उधर विमानन क्षेत्र को राहत प्रदान करते हुए सरकार ने एविएशन टरबाइन फ्यूल पर पाँच फीसदी सीमा शुल्क को खत्म करने का निर्णय किया है।