आईसीआईसीआई बैंक ने बैंक ऑफ राजस्थान (बीओआर) के कर्मचारी और ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि बीओआर का विलय उनके लिए फायदे का सौदा साबित होगा। उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा, न ही किसी की नौकरी जाएगी।
आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर ने आज विशेष बातचीत में यह भरोसा दिलाया कि बीओआर के विलय के बाद उसके कर्मचारी आईसीआईसीआई बैंक के परिवार के सदस्य होंगे।
कोचर का यह बयान इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि बीओआर की तीन प्रमुख यूनियनों ने इस विलय के खिलाफ 4 और 5 जून को हड़ताल की चेतावनी दी है। इन यूनियनों को आशंका है कि विलय के बाद बीओआर के कर्मचारियों की छँटनी की जा सकती है। माना जा रहा है कि कोचर के इस बयान के बाद बीओआर की यूनियनों का रुख नरम पड़ेगा।
कोचर ने कहा जब भी हम अपने में किसी अन्य बैंक का विलय करते हैं तो अधिग्रहित बैंक के कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य बन जाते हैं। हम उनके साथ भी उसी तरह का व्यवहार करते हैं, जैसा आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों के साथ किया जाता है।
कोचर ने इन आशंकाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया कि आईसीआईसीआई में बैंक ऑफ राजस्थान के विलय के बाद उसके (बीओआर) कर्मचारियों की छँटनी की जाएगी। उन्होंने कहा बीओआर के कर्मचारियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि संकटग्रस्त बैंक ऑफ राजस्थान के प्रवर्तक तायल परिवार पर बैंक को बेचने के लिए बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक का दबाव था। बीओआर को खरीदने की होड़ में कई बैंक शामिल थे, पर यह बाजी आईसीआईसीआई बैंक के हाथ लगी। बीओआर को आईसीआईसीआई बैंक में मिलाने की घोषणा 18 मई को की गई।
आईसीआईसीआई बैंक ने 23 मई को कहा था कि यह सौदा शेयरों के लेन देन के आधार पर किया जाएगा और इसके लिए उसे बीओआर को कोई पैसा नहीं देना होगा।
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने इस सौदे के लिए बीओआर की हैसियत 3,000 करोड़ रुपए आँकी है। इस सौदे में बीओआर के शेयरधारकों को अपने 118 शेयरों के बदले आईसीआईसीआई बैंक के 25 शेयर दिए जाएँगे।
बीओरआर के कर्मचारियों की संख्या 4,000 है और उन्हें मिला कर आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों की कुल संख्या 40,000 हो जाएगी। आईसीआईसीआई बैंक के वर्तमान में 35,000 से कुछ अधिक कर्मचारी हैं। (भाषा)