भारती इंटरप्राइजेज समूह की कंपनी भारती रिटेल ने सामान्य खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर राजनीतिक निर्णय जल्द किए जाने की माँग करते हुए कहा है यदि एफडीआई नियमों में ढील दी जाती है, तो वह रिटेल क्षेत्र में दो अरब डॉलर के अपने प्रस्तावित निवेश को और उँचा कर सकती है। कंपनी ने खुदरा क्षेत्र में 2018 तक दो अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है।
भारती इंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजन मित्तल ने यह पूछे जाने पर कि यदि एफडीआई नियमों में ढील मिलती है, तो क्या कंपनी अपनी निवेश योजना में बदलाव करेगी, उन्होंने कहा ‘अगर इस खेल के नियम बदलते हैं, तो हम भी अपनी योजना में बदलाव कर सकते हैं।’
रिटेल क्षेत्र में विदेशी निवेश की पाबंदी पर नाखुश मित्तल ने कहा कि इस बारे में राजनीतिक फैसला जल्द से जल्द लिए जाने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं होता है कि इस क्षेत्र में देश अरबों डॉलर का संभावित विदेशी निवेश गँवा देगा।
उन्होंने कहा ‘यदि रिटेल अच्छा है, तो बहु ब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति दी जाए। यदि यह बुरा है, तो इसके बारे में बात करनी बंद की जाए।’
मित्तल ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि बहु ब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति से संगठित क्षेत्र छोटे किराना दुकानदारों आदि को खत्म कर देगा। उन्होंने कहा कि बाजार में पहले से ही बड़े घरेलू रिटेलर हैं, पर इसका ऐसा कोई असर देखने को नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भारती, रिलायंस, बिड़ला, स्पेंसर ग्रुप और किशोर बियाणी के फ्यूचर समूह जैसी बड़ी कंपनियों को पहले ही रिटेल कारोबार की अनुमति दी हुई है, इससे भी छोटे किराना दुकानदारों को नुकसान हो सकता था, पर ऐसा नहीं हुआ।
फिलहाल एकल ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है, जबकि बहु ब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति नहीं है। थोक कारोबार में सौ प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
मित्तल ने कहा कि सरकार को बहु ब्रांड रिटेल में कम से कम 49 प्रतिशत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देनी चाहिए। दूरसंचार और रक्षा की तरह यह क्षेत्र सुरक्षा संबंधी चिंता भी नहीं देता है।
उन्होंने हालाँकि कहा कि भारती रिटेल 2018 तक दो अरब डॉलर के निवेश के अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ रही है। 2010 के अंत तक 150 स्टोर खोले जाएँगे। देशभर में फिलहाल भारती रिटेल के 70 ‘ईजीडे’ स्टोर हैं।(भाषा)