नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि वित्त वर्ष 2013-14 में सकल उधार 5.79 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
आधिकारिक बयान के अनुसार सरकार का अनुमान है कि उसे 2013-14 में निर्धारित परिपक्वता तिथि वाली प्रतिभूतियों को जारी कर 5,79,000 करोड़ रुपए का सकल बाजार ऋण लेना पड़ सकता है। अगले वित्त वर्ष के लिए शुद्ध उधार 4,84,000 करोड़ रुपए रहेगा। यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के मुकाबले करीब 17,000 करोड़ रुपए अधिक है।
इस साल उसने बाजार से 4,67,384.06 करोड़ रुपए का कर्ज उठाया। सरकार ज्यादा कर्ज लेती है तो बैंकों के पास निजी क्षेत्र को उधार देने के लिए पैसा कम बचता है व दूसरा कर्ज महंगा हो जाता है।
बहरहाल, बाजार उधारी बढ़ने के बावजूद अगले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि 2012-13 में यह 5.2 प्रतिशत था। (भाषा)