नई दिल्ली। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा आज पेश 2013-14 के बजट की सराहना करते हुए कहा कि इससे निराशावादी मूड पलटेगा और निवेशकों के लिए दिशा मिलेगी। सिंह ने अर्थव्यवस्था को अगले तीन साल में पुन: 8 फीसद की वृद्धि दर पर लौटने का भरोसा भी जताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटा, महंगाई और चालू खाते का घाटा, ये तीन तीन बाधाएं हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था की वृद्धि की संभावनाएं प्रभावित हो सकती है।
बजट पेश होने के बाद दूरदर्शन के साथ साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद बड़ी चुनौतियों को देखते हुए वित्तमंत्री ने काफी सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने निवेश माहौल, हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि की क्षमताओं तथा संभावनाओं पर निराशावादी मूड को पलटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
सिंह ने कहा कि देश के बढ़ते श्रमबल की रोजगार की जरूरत को पूरा करने के लिए वृद्धि की रफ्तार बढ़ाना जरूरी है। हर साल हमारे श्रमबल में एक करोड़ लोग जुड़ रहे हैं।
सिंह ने कहा कि जैसा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में उल्लेख है हमें अर्थपूर्ण तरीके से 8 फीसद की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है। यह वृद्धि दर बहुत हद तक हमारी क्षमता के अनुरूप है। हालांकि, इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक कठिन काम है, जिसे एक साल में हासिल नहीं किया जा सकता।
प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि वित्तमंत्री ने ऐसी रूपरेखा पेश की है, जिसमें प्रत्येक मंत्रालय के लिए काफी कुछ है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश तीन साल में 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर की राह पर लौट आएगा। सिंह ने कहा कि सभी मंत्रालयों को वित्त मंत्रालय द्वारा पहचान की गई चुनौतियों को मौकों में बदलने के लिए मिलकर काम करना होगा।
सिंह ने कहा कि मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगियों को इन चुनौतियों को अवसरों में बदलना होगा तकि वृद्धि की रफ्तार बढ़ाई जा सके। उसे अधिक समावेशी और टिकाऊ बनाया जा सके। सिंह ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.2 से 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यदि अगले तीन साल में हम मेहनत से काम करें और विश्व अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो, तो हम 8 प्रतिशत की वृद्धि दर की ओर लौट सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि महंगाई ‘हाथ से निकल चुकी थी।’ उन्होंने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में लाने का खाका पेश किया गया है, जिससे महंगाई को भी काबू में करने में मदद मिलेगी। सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे को काबू में लाने की रूपरेखा तैयार की है। यदि वे इसमें सफल रहते हैं, तो इससे वृद्धि के लिए बेहतर माहौल, निवेश के लिए बेहतर माहौल के अलावा पिछले दो साल से ऊंची चल रही महंगाई को भी नियंत्रण में लाने में मदद मिलेगी। (भाषा)