सत्यम घोटाले पर आईसीएआई का कड़ा रुख

चार्टर्ड अकाउंटेंट की सर्वोच्च संस्था आईसीएआई ने बुधवार को कहा कि संस्था का कोई भी सदस्य यदि सत्यम की वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया तो कड़ी सजा मिलेगी और ऑडिटरों के काम करने पर आजीवन रोक लगा दी जाएगी।

भारत की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी की वित्तीय अनियमितता का खुलासा होने के बाद यहाँ आईसीएआई के अध्यक्ष वेद जैन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जिसने भी हमारे मानकों और उम्मीदों के मुताबिक काम नहीं किया है उन्हें गंभीर सजा दी जाएगी।

सत्यम के ऑडिटर प्राइस वाटरहाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) ने इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

सत्यम के अध्यक्ष बी. रामलिंगा राजू ने अपने पत्र में स्वीकार किया है कि उन्होंने कंपनी के तुलन-पत्र (बैलेंस शीट) में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया। इसके बाद कंपनी के ऑडिटर और अकाउंटेंट की भूमिका पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।

दरअसल कंपनी मामले के मंत्रालय ने घोषणा की है कि सत्यम के निदेशकों और ऑडिटर की भूमिका की जाँच आईसीएआई और आईसीएसआई करेगी।

जैन ने कहा कि संस्था इस धोखाधड़ी में शामिल सदस्यों पर कार्रवाई करने से पहले सभी तथ्यों और सूचनाओं का संग्रह करेगी। उन्होंने कहा इसलिए हम इस पर विचार कर रहे हैं और हम अपनी प्रक्रिया शुरू करेंगे।

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