भारत में मरीन इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट स्थापित करेगा नार्वे : सिब्बल

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नई दिल्ली, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि नार्वे भारत में एक मरीन (जलयान) इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट स्थापित करने में निवेश करेगा।

यहाँ उद्योग मंडल, सीआईआई द्वारा आयोजित ‘कौशल विकास पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए सिब्बल ने कहा, ‘देश में 1,500 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है और आने वाले वषरें में हमें और अधिक मरीन इंजीनियरों की जरूरत पड़ेगी।’

उन्होंने कहा, ‘नार्वे द्वारा स्थापित किया जाने वाला इंस्टीट्यूट भारत और नार्वे दोनों के लिए ही लाभप्रद होगा।’ हालाँकि सिब्बल ने इस परियोजना के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया। मसलन यह कहाँ स्थापित किया जाएगा और कब स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि विदेशी शिक्षा प्रदाता विधेयक अगले शिक्षा सत्र (जुलाई, 2010) तक पेश किया जाएगा जिससे भारत और अन्य देशों के बीच और गठबंधन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके तहत विदेशी शिक्षा संस्थानों को भारत में शिक्षा बाजार में प्रवेश संबंधी प्रावधान किए जाएँगे।

उन्होंने कहा, ‘हमारे छात्र.छात्राएँ एक देश से दूसरे देश जाकर एक संयुक्त डिग्री के लिए अनुभव हासिल कर सकते हैं।’ देश की कुशल कर्मचारियों की बढ़ती जरूरतें ऐसी पहल से पूरी की जा सकती हैं।

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