नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुशंसा को मानते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने फैसला किया है कि नीट मेडिकल (NEET) और डेंटल एंट्रेंस एक्जाम साल में दो नहीं एक बार होगी। इससे विद्यार्थियों पर दबाव नहीं पड़ेगा। ग्रामीण विद्यार्थियों को देखते हुए इसे ऑनलाइन नहीं किया जाएगा।
7 जुलाई 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि अब नीट और जेईई की परीक्षा जनवरी और अप्रैल महीने में यानी दोबारा ऑनलाइन पद्धति से आयोजित की जाएगी, लेकिन 45 दिन बाद ही जावड़ेकर ने यूटर्न लेते हुए अपना फैसला बदल दिया।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने मंगलवार को नीट, जेईई सहित कई परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी किया है। ये परीक्षाएं अभी तक सीबीएसई आयोजित करती रही है। पहली बार इन परीक्षाओं का जिम्मा नवगठित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को सौंपा गया है। नीट के परीक्षा पैटर्न में बदलाव को लेकर यह हलचल उस समय शुरू हुई, जब मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इनमें बदलावों को लेकर अधिकृत तौर पर घोषणा की।