श्रृंखला के पहले ही मैच में 104 रन की भारी पराजय झेलने वाले भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया कि इंग्लैंड ने भारत को चारों खाने चित किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने खिलाड़ियों को चेतावनी दी कि अगर उन्हें यह एक दिवसीय श्रृंखला जीतना है तो खुद को बदलना होगा।
द्रविड़ ने मैच के बाद कहा कि कोई बहाना नहीं है। उन्होंने हमें बुरी तरह से मात दी, चाहे वह बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या क्षेत्ररक्षण हो, लेकिन अगर हमें श्रृंखला में जमे रहना है तो बेहतर खेल दिखाना ही होगा।
भारतीय कप्तान ने कहा हमें सुधार की जरूरत है। हमारा क्षेत्ररक्षण का विभाग मजबूत नहीं है। हालाँकि यह सब रातोरात तो हो नहीं जाएगा, लेकिन हमें अपने क्षेत्ररक्षण को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास करना होगा और थोड़ा बहुत सुधार तो करना ही होगा।
सात मैचों की श्रृंखला के पहले मैच में पराजय से परेशान द्रविड़ ने कहा कि विकेट के बीच दौड़ में हमें कोई बेवकूफी भरी गलती नहीं करनी चाहिए। इस तरह की गलतियाँ करने से हमें बचना होगा।
टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए द्रविड़ ने कहा कि अन्य परिस्थितियों में वे शायद ऐसा नहीं करते, लेकिन आसमान में घिरे बादलों को देखते हुए उन्होंने ऐसा किया और सोचा कि शायद इससे गेंदबाजों को मदद मिल सकेगी।
द्रविड़ ने कहा कि जैसा सोचा था, वैसा हो नही सका। हमारे गेंदबाजों को जल्दी विकेट नही मिले और इंग्लैंड के कुक और बेल ने शानदार बल्लेबाजी की, जिसके चलते इंग्लैंड का स्कोर केवल दो विकेट पर 288 रन पर पहुँच गया और हमारे चार विकेट जल्दी चटक जाने से हम पूरी तरह से दबाव में आ गए थे।
कप्तान ने कहा कि इंग्लैंड ने सटीक एकदिवसीय खेल का प्रदर्शन किया। आप चाहते हैं कि आपकी टीम के चोटी के दो-तीन खिलाड़ी शतक जमाएँ, उनके दो खिलाड़ियों ने ऐसा किया। मुझे लगा था कि इस पिच में हमारे गेंदबाजों के लिए कुछ होगा, लेकिन यह थोड़ी धीमी रही और उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की।
इंग्लैंड के कप्तान पॉल कॉलिंगवुड ने अपनी टीम को आगाह किया कि वह इस जीत से बहुत खुशी न मनाए और आगे भी ऐसा ही प्रदर्शन करने की कोशिश करे। उन्होंने कहा मैं इस जीत का ढोल नहीं पीटना चाहता, लेकिन यह एक अच्छा प्रदर्शन था। अभी छह मैच और खेले जाने हैं।
उन्होंने कहा लगातार बेहतर प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण है। मंगलवार के मैच की तरह ही हमें हर बार शानदार खेल का प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ की भी तारीफ की, जो दो साल बाद अपनी सरजमीं पर एकदिवसीय मैच खेल रहे थे।