तेज गेंदबाज आर. विनय कुमार (30 रन पर चार विकेट) के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और दिल्ली के लाड़लों विराट कोहली (नाबाद 112) के बेहतरीन शतक तथा उनकी गौतम गंभीर (नाबाद 84) के साथ 209 रन की रिकॉर्ड अविजित साझेदारी के दम पर भारत ने इंग्लैंड को आठ विकेट से हराकर पांच मैचों की सिरीज में 2-0 की बढ़त बना ली। इस जीत के साथ ही दिल वालों की दिल्ली ने दिवाली के पहले ही 'दिवाली' मना ली।
भारत ने पहला वनडे हैदराबाद में 126 रन से जीता था। तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन से भारत ने यहां इंग्लैंड को 48.2 ओवर में 237 रन पर समेट दिया। भारत ने फिर 36.4 ओवर में दो विकेट पर 238 रन बनाकर आसानी से मैच जीत लिया।
कोहली और गंभीर ने तीसरे विकेट के लिए फिरोजशाह कोटला मैदान की सबसे बड़ी साझेदारी की। कोहली इस मैदान पर 15 साल बाद शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। कोहली ने अपना ओवरआल सातवां और इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा शतक बनाया जबकि गंभीर ने अपना 26वां अर्धशतक बनाया। कोहली ने 98 गेंदों पर नाबाद 112 रन की अपनी पारी में 16 चौके लगाए जबकि गंभीर ने 90 गेंदों पर नाबाद 84 रन की पारी में दस चौके लगाए।
भारत की हालांकि शुरुआत खराब रही लेकिन दिल्ली के लाड़लों गंभीर और विराट ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए मध्य ओवरों तक मैच भारत की झोली में डाल दिया।
ओपनर पार्थिव पटेल (12) को तीसरे ओवर में टिम ब्रेस्नेन की गेंद पर ग्रीम स्वान ने दूसरी स्लिप में जीवनदान दिया। उस समय पार्थिव का स्कोर दस रन था लेकिन वह इस मौके का फायदा नहीं उठा पाए और अपने स्कार में दो रन जोड़कर एलेस्टेयर कुक को कैच थमा बैठे।
अंजिक्या रहाणे (14) ने ब्रेसनेन की गेंद पर फाइन लेग के ऊपर से छक्का मारा मगर अगली गेंद पर यही शॉट दोहराने की कोशिश में वह बाउंड्री पर डर्नबाख को कैच थमा बैठे।
भारत का दूसरा विकेट 29 के स्कोर पर गिरा लेकिन इसके बाद गंभीर और विराट पहले संभल कर खेले और फिर आकर्षक शॉट लगाते हुए उन्होंने इंग्लैंड का हौसला पस्त कर दिया। गंभीर ने फिन के ओवर में तीन चौके मारकर भारत के 50 रन पूरे कर दिया।
भारत के 100 रन 18 वें ओवर में पूरे हो गए। कोहली ने अपने 50 रन 45 गेंदों में सात चौकों की मदद से पूरे किए जबकि गंभीर ने अपना 26वां और इंग्लैंड के खिलाफ पांचवा अर्धशतक 62 गेंदों में छह चौकों के सहारे पूरा किया। दोनों के बीच 100 रन 95 गेंदों और 150 रन 132 गेंदों में बने।
गंभीर और विराट की साझेदारी का 176वां रन बनते ही फिरोजशाह कोटला में तीसरे विकेट के लिए सर्वाधिक साझेदारी बन गई। उन्होंने सचिन तेंडुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन का दो मार्च 1996 को श्रीलंका के खिलाफ यहां तीसरे विकेट के लिए 175 रन का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कोहली ने अपना सातवां शतक 89 गेंदों में 14 चौकों की मदद से पूरा किया। कोहली ने विजयी चौका मारा और इसके साथ ही कोटला में बैठे 35 हजार दर्शक खुशी से झूम उठे।
इससे पहले तेज गेंदबाज आर. विनय कुमार (30 रन पर चार विकेट) ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को 48.2 ओवर में 237 रन पर थाम लिया। कोटला की धीमी मानी जा रही पिच पर भारतीय गेंदबाजों खासकर तेज गेंदबाजों ने वाकई दमदार प्रदर्शन किया।
इंग्लैंड ने पहले दो ओवरों में दोनों ओपनरों को गंवाया। हालांकि उसके बाद के पांच बल्लेबाजों ने उपयोगी योगदान दिया लेकिन कोई भी अपनी पारी को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाया। एलेस्टेयर कुक पहले ओवर में और क्रैग कीस्वेटर दूसरे ओवर में आउट हुए।
जोनाथन ट्रॉट ने 37 गेंदों में सात चौकों की मदद से 34 रन, केविन पीटरसन ने 55 गेंदों में तीन चौकों और दो छक्को की मदद से 46 रनँ रवि बोपारा ने 50 गेंदों में चार चौकों के सहारे 36 रन, समित पटेल ने 53 गेंदों में दो चौकों और दो छक्कों की मदद से 42 रन और जोनाथन बेयरस्टो ने 49 गेंदों में दो चौकों के सहारे 35 रन बनाए।
विनय ने दूसरे ओवर में कीस्वेटर को आउट करने के बाद ट्रॉट, टिम ब्रेसनेन (12) और ग्रीम स्वान (7) को आउट किया और अंतिम बल्लेबाज जेड डर्नबाख को रन आउट भी किया। उमेश यादव ने 50 रन पर दो विकेट लिए जबकि प्रवीण कुमार को 40 रन पर एक विकेट, आर अश्विन को 56 रन पर एक विकेट और रवीन्द्र जडेजा ने 38 रन पर एक विकेट लिया।
पीटरसन और बोपारा ने चौथे विकेट के लिए 89 गेंदों में 73 रन तथा पटेल और बेयरस्टो ने छठे विकेट के लिए 98 गेंदों पर 86 रन की साझेदारी की। इंग्लैंड ने अपने पांच विकेट 121 रन पर गंवा दिए थे लेकिन पटेल और बेयरस्टो की साझेदारी ने उसे उबार लिया। मगर एक बार फिर इंग्लैंड ने अपने अंतिम पांच विकेट मात्र 30 रन जोडकर गंवा दिए।
भारतीय फील्डरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। खासकर विराट कोहली ने दो बेहतरीन कैच लपके। भारत का मैदानी क्षेत्ररक्षण बेहतरीन रहा और अंग्रेज बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल सके। (वार्ता)