जब जब भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा होता था , मैदान पर पहुंचने से पहले धमकियों के दौर शुरु हो जाते थे। मैक्ग्राथ कहते थे कि मैं सचिन का विकट लूंगा तो गेलेस्पी कहते थे मैं द्रविड़ का विकेट लूंगा। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ, आपको पता है क्यों ?
कोहली के बाद दूसरा निशाना पुजारा थे। पुजारा की भी ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों ने तारीफ की और उसका नतीजा पहले टेस्ट में दिख गया। दूसरी पारी में विकेट के पीछे जैसे पुजारा आउट हुए , लग गया था कि वह आत्मसंतुष्ट हो गए हैं।
अगला नाम था जसप्रीत बुमराह का , उनकी तारीफ करने का जिम्मा उठाया ऑस्ट्रेलिया को पहला विश्वकप जिताने वाला कप्तान एलन बॉडर ने । उन्होंने कहा कि बुमराह गेंदबाजी में भारत की रीढ़ है।हालांकि बुमराह उतने आत्म संतुष्ट नहीं हुए जितने कोहली और पुजारा हुए। (वेबदुनिया डेस्क)