बर्मिंघम: एजबेस्टन टेस्ट में 378 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा कि इंग्लैंड ने दिखाया है कि टेस्ट क्रिकेट कैसे खेला जाता है और अब इंग्लैंड के प्रयासों से विरोधी टीमें तीसरी पारी में डरेंगी, यह सोचेंगी कि जो लक्ष्य दिया जाएगा वह कम ना पड़ जाए।
स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का निर्णय लिया था, इंग्लैंड के ऐसे मैदानों पर जहां न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने तीन बार लगातार चौथी पारी में 277 और 299 के बीच का लक्ष्य हासिल किया। इस बार भी यह सात विकेट की जीत तब मिली जब पहली पारी में इंग्लैंड 132 रनों से पीछे थी।
उन्होंने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, "पता नहीं यह लाइन कहां ख़त्म होती है। मैं चाहता था कि वे 450 तक जाएं, जिससे हम देख सकें कि हम क्या कर सकते हैं।" उन्होंने कहा, "मैंने कल दिन का खेल ख़त्म होने के बाद कहा था कि, देखो टीम इस समय हमें किस तरह से देख रही होगीं, वह तीसरी पारी अब चौथी पारी बन गई है, क्योंकि अब उनका ध्यान इस पर होगा कि हम कैसे खेल रहे हैं और वह इसको लेकर घबरा रहे हैं। तो एक टीम के तौर पर इस पोज़िशन में होने पर टीमें अपनी पारी को ख़त्म करने पर डरेंगी कि कैसे तीसरी पारी को खेला जाए, ख़ासतौर पर तब जब उनके पास बढ़त होगी।"
स्टोक्स ने कहा कि ड्रेसिंग रूम से निर्देश था कि "न केवल वहां जाएं और इसे उड़ा दें, कुछ सरल चीज़ें हैं जिन्हें हम एक टीम के रूप में क़रीब रखते हैं" और कहा कि उन्होंने और मैकुलम ने परिणाम पर चिंता करने के बजाय आनंद पर ज़ोर दिया था।
स्टोक्स ने कहा, "यह पांच सप्ताह मेरे करियर के बहुत ही मजेदार दिन रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि सभी यह समझ पाएंगे कि यहां क्या हुआ। जब आपको यह स्पष्ट हो जाता है कि आप क्या करना चाहते हैं और क्या हासिल करना चाहते हैं, और परिणामों से बड़े के बारे में सोचते हैं तो यह सब कुछ बहुत आसान बना देता है। यह आप पर से अंतर्राष्ट्रीय खेल का अतिरिक्त दबाव हटा देता है। जब आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि वहां जाकर क्या करना है, तो सभी चीज़ें सरल हो जाती हैं।"
लगातार तीसरे टेस्ट में पांचवें दिन की टिकट फ्री कर दी गई थी, यह देखने के लिए कि इंग्लैंड की टीम क्या कर सकती है और स्टोक्स ने भी अंचभा माना कि कि उनकी कप्तानी में कैसे चीज़ें तुरंत बदल गई।उन्होंने कहा, "हम कोशिश कर रहे हैं कि दोबारा से लिख सकें कि टेस्ट क्रिकेट कैसे खेला जाता है। हमने पिछले चार या पांच सप्ताह में हमने हर परिस्थिति के लिए अलग रणनीति बनाई है और हम इसको आगे भी लेकर जाएंगे। यह हमेशा नहीं होगा कि स्टंप्स के नज़दीक गेंदबाज़ी करते रहो, बात यह है कि हम कैसे विकेट लेने जा रहे हैं? यही आपको 10 विकेट लेन के लिए एक गेंदबाज़ी आक्रमण के तौर पर करना होगा।"
"हम जानते हैं कि हम टेस्ट क्रिकेट को एक नई ज़िंदगी देना चाहते हैं और पिछले पांच सप्ताह में जो हमें समर्थन मिला है वह शानदार रहा है। यह शानदार है कि इतने कम समय में सीट भर रही हैं और हमें लग रहा है कि हम नए प्रशंसक कमा रहे हैं। हम अगली पीढ़ी को प्रोत्साहित कर रहे हैं, यह यह मैच हमारे लिए परिणाम से ज़्यादा अहम हैं, यह उन लोगों के लिए है जो भविष्य में इंग्लैंड टीम की ओर से खेलेंगे, वह लोग जो बाद में ड्रेसिंग रूम का हिस्सा होंगे। हम टेस्ट क्रिकेट में एक छाप छोड़ना चाहते हैं।"
उन्होंने इंग्लैंड के सफ़ेद गेंद के कप्तान रहे इयोन मॉर्गन की भी तारीफ़ की जिन्होंने इसी दृष्टिकोण के साथ सीमित ओवर क्रिकेट खिलाया था। "बैज़ (मैकुलम) और मॉर्गन बहुत अच्छे दोस्त हैं, मैंने बहुत समय मॉर्गन की कप्तानी में बिताया है और मैंने उनकी बातों से बहुत सीखा है और देखा है कि कैसे वह वनडे टीम को आगे लेकर गए और यही चीज़ मैं टेस्ट टीम में देखना चाहता हूं। केवल मैं और बैज़ ही नहीं, आप इस तरह का जवाब हर किसी से सुनेंगे और वे सभी बस उड़ना चाहते हैं।"
इंग्लैंड की दूसरी पारी के शतकधारी जो रूट ने कहा, "इस जीत का श्रेय तो इन दो युवा लड़कों (ओपनरों) को जाना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने प्लेटफ़ॉर्म सेट किया, जिस तरह से उन्होंने दबाव दूसरी टीम पर डाला और नई गेंद से मैदान के चारों ओर आक्रामक शॉट लगाए यह शानदार था, क्योंकि इसके बाद काम बहुत आसान हो गया था। यह दुनिया के बेहतरीन गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ़ शानदार साझेदारी थी।"
स्टोक्स ने कहा, "जॉनी और रूट दोनों ही बेहतरीन साझेदारी की और शतक लगाए, लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए आपको ओपनरों के योगदान की ज़रूरत होती है और इन दोनों ने ऐसा ही किया। इस साझेदारी को देखकर हम एकजुट हो गए, जिससे मैच का रूख हमारी ओर मुड़ गया। जिस तरह से वे बुमराह और शमी के ख़िलाफ़ खेल रहे थे उसको देखना शानदार था।(वार्ता)