मेरी कप्तानी के मूल्यांकन का सही समय नहीं : विराट कोहली

Webdunia
बुधवार, 22 फ़रवरी 2017 (21:02 IST)
पुणे। विराट कोहली ने बुधवार को कहा कि उनकी कप्तानी पर अभी फैसला देना जल्दबाजी होगा लेकिन उन्होंने जोर दिया कि नेतृत्वकर्ता की भूमिका मिलने के बाद वे बेहतर बल्लेबाज बन गए हैं, क्योंकि कप्तानी के कारण आत्ममुग्धता के लिए कोई जगह नहीं बची है। अपनी कप्तानी के किसी भी मूल्यांकन से इंकार करते हुए कोहली ने कहा कि कप्तान उतना ही अच्छा होता है जितनी अच्छी उसकी टीम होती है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पूर्व कोहली ने कहा कि मैं प्रत्येक श्रृंखला के बाद अपनी कप्तानी का मूल्यांकन नहीं करता। हमारी प्राथमिकता और एकमात्र लक्ष्य क्रिकेट मैच जीतना है। कप्तानी उतनी ही अच्छी होती है जितनी कि आपकी टीम कैसा प्रदर्शन कर रही है और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में कितनी निरंतरता है। अगर हम खिलाड़ी के रूप में अपनी क्षमता के अनुसार नहीं खेल रहे तो एक कप्तान के रूप में मैं काफी कुछ नहीं कर सकता।
 
उन्होंने कहा कि टीम जितनी अधिक परिपक्व बनेगी, कप्तान उतना अच्छा लगने लगेगा। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगी तो कप्तानी कुछ अनियंत्रित लगने लगेगी। शायद 5 से 8 साल बाद मैं कप्तान के रूप में अपना मूल्यांकन कर पाऊंगा, अगर मैं इतने समय तक कप्तान रहा तो। 
 
मुझे लगता है कि यह मेरे लिए काफी जल्दी है कि मैं बैठकर मूल्यांकन करूं कि मैंने अच्छा किया है या नहीं? हाल के समय में बल्लेबाज और कप्तान के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कोहली ने कहा कि जब टीम के अगुआ होते हैं तो बल्लेबाजी अधिक गंभीर काम बन जाता है।
 
कोहली ने कहा कि कप्तानी आपको किसी भी समय आत्ममुग्ध नहीं होने देती विशेषकर जब बल्ला आपके हाथ में हो और आप सिर्फ यही करते हो। इस पहलू से मुझे लगता है कि आत्ममुग्धता की कप्तानी में जगह नहीं होती। भारतीय कप्तान ने कहा कि उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्टीव स्मिथ के मामले में भी यह बात सही है।
 
उन्होंने कहा कि कप्तानी की जरूरत होती है कि आप पूरे मैच के दौरान एकाग्र रहें और इस चीज ने मेरे लिए अच्छा काम किया है और मुझे लगता है कि स्टीव स्मिथ के लिए भी। वह बल्ले से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और कप्तान के तौर पर भी। 
 
कोहली ने कहा कि वे दुनिया का नंबर 1 टेस्ट खिलाड़ी हैं और इसका एक कारण है। मैं अपने करियर की किसी समानता के बारे में नहीं बता सकता। मैंने उसे अकादमी में देखा है, वह कभी दबदबा बनाने वाला बल्लेबाज नहीं था और लेग स्पिनर के रूप में शुरू करने वाले के लिए यह बेजोड़ उपलब्धि है। कोहली के अनुसार भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्टों की श्रृंखला में इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला की तुलना में अधिक सहज होकर उतर रही है।
 
उन्होंने कहा कि एक टीम के रूप में हम क्या करना चाहते हैं इसे लेकर हम इस श्रृंखला में अधिक आत्मविश्वास के साथ उतर रहे हैं। प्रत्येक मैच और श्रृंखला चुनौतीपूर्ण होती है और हम किसी श्रृंखला को कम या ज्यादा के रूप में नहीं देखते। हम जिन भी टीमों के खिलाफ खेले, वे सभी अच्छी स्तरीय टीमें थीं। ऑस्ट्रेलिया भी इससे अलग नहीं है।
 
भारतीय कप्तान ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला कड़ी थी। हमने शुरुआत (घरेलू सत्र की) ड्रॉ के साथ की, जो हमारी ओर से आसान ड्रॉ नहीं था। यह विरोधी को जीतने से रोकना था और इसके बाद हमने पासा पलटा। राजकोट में पहले टेस्ट के बाद से टीम की मानसिकता अलग थी। 
 
कोहली ने उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम के मैदान की पिच सूखी होगी। यहां तक कि हमने यहां जो वनडे मैच खेला था उसमें भी विकेट अंदर से सूखा था। विकेट पर ठीकठाक घास है, जो सतह को बांधने के लिए जरूरी है। साल के इस समय जब गर्मियां शुरू हो जाती हैं तो विकेट धीमा और नीचा हो जाता है। हमें इस विकेट से भी ऐसी ही उम्मीद है। 
 
कोहली ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह दूसरे, तीसरे दिन से स्पिन लेगी। विकेट को टूटने से रोकना काफी मुश्किल होगा। हम समझ सकते हैं कि असल में विकेट कैसे खेलने वाला है। भारतीय कप्तान ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ मिशेल स्टार्क को विश्वस्तरीय गेंदबाज करार दिया।
 
कोहली ने कहा कि उसे कई बार चोटों से जूझना पड़ा है लेकिन एक गेंदबाज के रूप में उसने जिस तरह विकास किया है वह शानदार है। मैं आईपीएल में उसके साथ खेला हूं, मैंने ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे पर उसका सामना किया है। तब से अब में काफी बदलाव आया है।
 
उन्होंने कहा कि उसने रिवर्स स्विंग और पुरानी गेंद से गेंदबाजी की कला सीख ली है। उसने जिस तरह अपने कौशल का विकास किया है, वह देखना शानदार है। दुनिया का प्रत्येक क्रिकेटर इसकी सराहना करेगा। वह अपने खेल को अगले स्तर पर ले गया है और यही कारण है कि उसकी गिनती विश्व क्रिकेट के शीर्ष गेंदबाजों में होती है और वह यहां होने का हकदार है। 
 
कोहली ने कहा कि वे मेहमान टीम के इतने सारे धीमे गेंदबाजों को लाने से हैरान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गर्मियों में भारत में खेलने आते हुए मैं इससे हैरान नहीं हूं (टीम में 4 स्पिनरों को शामिल करने)। विकेट सूखे होंगे और उनसे टर्न मिलेगा। 6-7 तेज गेंदबाजों को लाने की जगह आपको मजबूत स्पिन गेंदबाजी आक्रमण की जरूरत है। यह नैसर्गिक चयन है। (भाषा)
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