गुरुवार को भारत बनाम इंग्लैंड चौथे टेस्ट के दूसरे दिन इंग्लैंड की तरफ से जैक क्रॉली ने 84 और बेन डकेट ने 94 रन बनाये और पहले विकेट के लिए 166 रन जोड़े। दुर्भाग्य रहा कि दोनों शतक के करीब पहुंचकर आउट हुए। क्रॉली को रवींद्र जडेजा ने और डकेट को अंशुल कम्बोज ने आउट किया। क्रॉली ने 113 गेंदों में 13 चौके और एक छक्का लगाया जबकि डकेट ने 100 गेंदों में 13 चौके लगाए। स्टंप्स के समय ओली पोप 20 और जो रुट 11 रन पर नाबाद थे।
ऐसे में भारतीय क्रिकेट फैंस को मोहम्मद शमी की खासी याद आई जो अर्से से टेस्ट क्रिकेट से दूर है। जब से गौतम गंभीर मुख्य कोच बने हैं उन्होंने मोहम्मद शमी को टेस्ट टीम से दूर रखा गया है। जो कल के प्रदर्शन के बाद फैंस को नागवार गुजरा
Gautam Gambhir dropped this beast for some aantu-jhantu bowlers who cant even take the wicket of some tullas. pic.twitter.com/SLycdvhJx2
इस साल चैंपियन्स ट्रॉफी की विजेता टीम का हिस्सा रहे मोहम्मद शमी की कमी बोर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज 2024-25 में बहुत खली थी। पर्थ टेस्ट में तो जसप्रीत बुमराह की बेहतरीन गेंदबाजी के कारण भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मुश्किल परिस्थिति में भी वापसी करने में सफल रही थी। लेकिन इसके बाद के टेस्ट मैचों में ऐसा देखा गया कि बुमराह जिस दबाव को बना रहे हैं, उसे आगे ले जाने के लिए उन्हें एक और गेंदबाज की आवश्यकता थी। यह कमी शमी पूरा कर सकते थे।
मोहम्मद शमी ने आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेला था जिसमें भारत की 180 रनों से करारी हार हुई थी। 2 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का हिस्सा रहे शमी 2 साल से टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं। गंभीर गुट की मानें तो वह नए गेंदबाजों को मौका देना चाहते है क्योंकि अब शमी 34 साल के हो चुके हैं।
मोहम्मद शमी के टेस्ट करियर पर नजर डालें तो उन्होंने 64 टेस्ट मैचों में 27 की औसत और 3 की इकॉनोमी से 229 विकेट लिए हैं। वह 6 बार पांच विकेट चटका चुके हैं। वहीं 56 रनों पर 6 विकेट चटकाना उनकी 1 पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वहीं एक मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बात की जाए तो उन्होंने 118 रनों के साथ 9 विकेट लिए थे।