इंदिरा गांधी को पछाड़ मोदी ने स्थापित किया नया कीर्तिमान, क्या नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे PM

WD Feature Desk

शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 (13:56 IST)
modi broke indira gandhi record, becomes second longest serving pm: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई 2025 को एक नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लगातार प्रधानमंत्री पद पर रहने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगातार सबसे लंबे समय तक, मतलब 4077 दिनों तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के रिकॉर्ड कायम किया था। 25 जुलाई 2025 को देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी को पछाड़ कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ना भारतीय राजनीति में गैर-कांग्रेसी दलों के बढ़ते प्रभाव और जनता के बदलते जनादेश को भी दर्शाता है। हालांकि मोदी अब भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के सर्वाधिक समय तक PM पद पर रहने के रिकॉर्ड से बहुत दूर हैं। नेहरु का कार्यकाल 16 साल 286 दिन (लगभग 6130 दिन) का रहा।

नरेंद्र मोदी लगातार दूसरे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई 2025 को एक नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लगातार प्रधानमंत्री पद पर रहने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, और 25 जुलाई 2025 तक उनका कार्यकाल 4078 दिनों का हो गया है। इस प्रकार, वह लगातार सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले भारत के दूसरे नेता बन गए हैं।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं, जिनमें आर्थिक सुधार, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान और विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाएं शामिल हैं। उनकी सरकार ने वैश्विक मंच पर भी भारत की स्थिति को मजबूत किया है। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी हैं जिन्होंने दो पूर्ण कार्यकाल पूरे किए हैं और अब तीसरे कार्यकाल में भी सक्रिय हैं।

भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदय और उनका लगातार तीसरा कार्यकाल कई मायनों में अभूतपूर्व है। उनके नाम दो ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज हैं, जो उन्हें भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक विशिष्ट स्थान दिलाती हैं:
इसी पृष्ठभूमि में, 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 में अपने दम पर पूर्ण बहुमत (272+ सीटें) हासिल किया, और नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की। यह उपलब्धि 2019 के लोकसभा चुनाव में और भी पुख्ता हुई, जब भाजपा ने 2014 से भी बड़ा जनादेश हासिल किया और लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई। 2024 में भी, भले ही भाजपा को अपने दम पर पूर्ण बहुमत न मिला हो, लेकिन एनडीए गठबंधन ने बहुमत हासिल किया, जिससे नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने।

हालांकि मोदी अब भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के सर्वाधिक समय तक PM पद पर रहने के रिकॉर्ड से बहुत दूर हैं। नेहरु का कार्यकाल 16 साल 286 दिन (लगभग 6130 दिन) का रहा। क्या मोदी नेहरु के कीर्तिमान को भी ध्वस्त कर पाएंगे, यह तो समय ही बताएगा। आइए जानते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के कार्यकाल के बारे में विस्तार से।

पंडित जवाहरलाल नेहरू: भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू, देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हैं। उन्होंने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता के बाद से 27 मई 1964 को अपने निधन तक इस पद पर कार्य किया। उनका कार्यकाल 16 साल 286 दिन (लगभग 6130 दिन) का रहा। नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी, गुटनिरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व किया और देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में पंचवर्षीय योजनाएँ, बड़े उद्योग और शिक्षा संस्थानों की स्थापना हुई, जिन्होंने भारत के विकास की दिशा तय की।

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी:
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी, भारतीय राजनीति की एक सशक्त और प्रभावशाली शख्सियत रही हैं। उन्होंने दो अलग-अलग अवधियों में प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका पहला कार्यकाल 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक रहा, जो 4077 दिनों का था। इसके बाद, वह 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 को अपनी हत्या तक दोबारा प्रधानमंत्री रहीं।

इंदिरा गांधी के कार्यकाल में भारत ने कई ऐतिहासिक घटनाओं का अनुभव किया, जिनमें 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध (जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ), हरित क्रांति, बैंकों का राष्ट्रीयकरण और आपातकाल शामिल हैं। उन्हें 'लौह महिला' के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अपने फैसलों से देश की दिशा को प्रभावित किया।
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