भारत को अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां उसे मेजबान टीम के साथ 4 टेस्ट मैच खेलना है और उनमें से 1 डे-नाइट टेस्ट भी हो सकता है। वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेला गया था और उसके बाद से कई देशों ने डे-नाइट टेस्ट खेलने में अपनी रुचि दिखाई है। ऑस्ट्रेलिया इस समय इंग्लैंड के साथ एशेज सीरीज में दूसरा टेस्ट गुलाबी गेंद से ही खेल रहा है।
सदरलैंड ने कहा कि मैं यह उम्मीद करता हूं कि इसमें ज्यादा समस्या नहीं होगी। हमने इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत की है। यह फैसला मेजबान देश को लेना है कि वे क्या सही सोचते हैं। अब यह निश्चित हो गया है कि हम हर सत्र में कम से कम एक डे-नाइट टेस्ट की मेजबानी करेंगे। भारत के अलावा श्रीलंका को भी अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है और सदरलैंड को उम्मीद है कि उनका देश अगले वर्ष 2 डे-नाइट टेस्ट मैचों की मेजबानी कर सकता है।