मैच प्रिव्यू: यह एक काम कर लिया तो लॉर्ड्स टेस्ट होगा टीम इंडिया के कब्जे में
बुधवार, 11 अगस्त 2021 (18:09 IST)
लंदन:इंग्लैंड के भारत दौरे में पहली बार ऐसा हुआ है जब कागज पर भारतीय बल्लेबाजी इंग्लैंड की बल्लेबाजी से बेहतर प्रतीत हो रही है। इससे पहले भारतीय टीम को पस्त करने का इंग्लैंड के पास एक ब्रह्मास्त्र रहता था, हरी पिच की सेज सजाओ, विकटों के ढेर लगाओ।
लेकिन यह फॉर्मूला अब इंग्लैड चाह कर भी नहीं अपना सकता। ना ही इंग्लैड के पास अब एंड्रयू स्ट्रॉस हैं, ना ही इयान बेल हैं, ना ही एलिस्टर कुक हैं, ना ही जॉनादन ट्रॉट है, अब इंग्लैंड के पास जो कुछ है वह जो रूट है। इस सीरीज में तो उनके पास ऑलराउंडर बेन स्टोक्स भी नहीं है।
ट्रेंट ब्रिज में पहला टेस्ट चार दिन तक रोमांचक संघर्ष रहने के बाद पांचवें और अंतिम दिन की बारिश के चलते ड्रा समाप्त हुआ। भारत को 209 रन का लक्ष्य मिला था जिसमें से भारत ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट खोकर 52 रन बना लिए थे। कप्तान विराट कोहली की टीम के पास पहला टेस्ट जीतकर सीरीज में बढ़त हासिल करने का अच्छा मौका था लेकिन बारिश ने भारतीयों की तमाम उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
पहले टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान जो रुट ने शानदार शतक बनाया था और उनकी इसी पारी के चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया।कप्तान जो रूट के अलावा कोई भी इंग्लैंड का बल्लेबाज 50 तक नहीं बना सका। इंग्लैंड की बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए शामिल हुए जोस बटलर और जॉनी बेरेस्टो को शुरुआत तो मिली लेकिन वह उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए।
भारतीय टीम को पता चल गया है कि जो रुट इस टीम की रीढ़ की हड्डी है। अगर रीढ़ को तोड़ दिया तो यह टीम ज्यादा देर तक चल नहीं पाएगी सिर्फ रेंग पाएगी और भारतीय बल्लेबाजों का काम आसान हो जाएगा।
ऐसा हमेशा होगा भी नहीं कि जो रूट हर पारी में 50 या 100 बनाए। भारत दौरे पर भी उन्होंने पहली पारी में 200 रन बनाए थे उसके बाद उनका बल्ला शांत हो गया था। भारतीय टीम इस बार भी उनसे ऐसी ही उम्मीद लगा रही होगी।
इंग्लैंड रातों रात तो अपनी बल्लेबाजी को नहीं सुधार सकता लेकिन खिलाड़ी निजी तौर पर अपने प्रदर्शन में जरूर सुधार कर सकते हैं।
दूसरे टेस्ट में उतरते समय दोनों टीमों की नजरें अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने पर लगी होंगी। भारत ने इंग्लैंड को ट्रेंट ब्रिज में पहली पारी में 183 रन पर निपटाया था। मेजबान टीम को इस बात से काफी राहत होगी कि पहला टेस्ट ड्रा रहा और वह दूसरे टेस्ट में 0-0 की हालत में उतरेगी।
भारतीय टीम अपने आल राउंड खेल के दम पर दोनों टीमों में बेहतर नजर आयी थी लेकिन उसके शीर्ष क्रम की नाकामी उसके लिए चिंता का विषय हो सकती है। पहले टेस्ट में अंतिम एकादश में शामिल किये गए लोकेश राहुल की फॉर्म में वापसी भारत के लिए राहत की बात हो सकती है। लेकिन शीर्ष और मध्य क्रम का लड़खड़ाना टीम इण्डिया की क्षमता पर सवाल खड़े करता है। चेतेश्वर पुजारा, कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान अजिंक्या रहाणे की बल्लेबाजी क्षमता पर किसी को भी संदेह नहीं है लेकिन उनका सस्ते में आउट होने भारत को परेशानी में डाल सकता है। यही वह क्षेत्र है जिसमें इंग्लैंड फायदा उठा सकता है जबकि भारत को इस क्षेत्र में आशातीत सुधार करना है।