लंदन। विश्व की नंबर 1 टीम भारत के सामने अब सम्मान बचाने की चुनौती है और उसे इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से ओवल मैदान में शुरू होने वाले 5वें और अंतिम टेस्ट में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी।
भारतीय टीम साउथम्प्टन में चौथा टेस्ट 60 रनों से हारने के बाद सीरीज में 1-3 से पिछड़ चुकी है और उसे 1-4 की शर्मिंदगी से बचने की लड़ाई लड़नी है। कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने चौथे टेस्ट की हार के बाद स्वीकार किया है कि टीम में फिनिश लाइन पार न करने की कमजोरी अब भी बरकरार है। शास्त्री ने कहा है कि खिलाड़ियों को मानसिक दृढ़ता दिखाने की जरूरत है और कोच यह भी मानते हैं कि टीम आसानी से हार नहीं मानती है।
दूसरे टेस्ट को छोड़ दिया जाए तो बाकी 3 टेस्टों में टीम ने संघर्ष का पूरा जज्बा दिखाया है। भारत ने दूसरा टेस्ट पारी और 159 रनों से गंवाया था। भारत ने पहला टेस्ट 31 रन से और चौथा टेस्ट 60 रन से गंवाया था जबकि तीसरा टेस्ट उसने 203 रनों से जीता।
दूसरी तरफ इंग्लैंड का लक्ष्य अपने पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक को विजयी विदाई देना होगा। कुक ने चौथे टेस्ट के बाद ऐलान कर दिया था कि वे 5वें मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। सीरीज में 3-1 की अपराजेय बढ़त के साथ 5वें मैच में उतरने जा रही इंग्लिश टीम कुक को 4-1 की जीत का तोहफा देना चाहेगी।
भारत यदि सीरीज का स्कोर 2-3 करना चाहता है, तो उसके बल्लेबाजों को जीवटभरा प्रदर्शन करना होगा। सीरीज में अब तक भारतीय बल्लेबाजों ने ही निराश किया है, वरना यह सीरीज इंग्लैंड के बजाए भारत के नाम हो चुकी होती। पिछले मुकाबले में भारत के सामने 245 रनों का लक्ष्य था और टीम 3 विकेट पर 123 रनों की सुखद स्थिति के बाद 184 रनों पर ढेर हो गई।
टीम प्रबंधन को आखिरी मैच में बल्लेबाजी को लेकर ही चिंता करनी होगी। ओपनर लोकेश राहुल स्लिप में तो अच्छे कैच पकड़ रहे हैं लेकिन बल्लेबाजी में उनका बल्ला खामोश पड़ा हुआ है। यही हाल उनके साथी शिखर धवन का है, जो शुरुआत तो अच्छी करते हैं लेकिन फिर अपना विकेट गंवा देते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरी 2 टेस्टों के लिए टीम में शामिल किए गए युवा ओपनर पृथ्वी शॉ को अंतिम एकादश में जगह मिल पाती है या नहीं?
भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह कप्तान विराट कोहली पर निर्भर है, जो अब तक सीरीज में 4 मैचों में दोनों टीमों में सर्वाधिक 544 रन बना चुके हैं जिनमें 3 शतक और 3 अर्द्धशतक शामिल हैं। यह मैच 18 साल के पृथ्वी शॉ को मौका देने का एक शानदार अवसर है जिन्होंने इस साल के शुरू में भारत को अपनी कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप में जीत दिलाई थी।
राहुल ने लगातार चारों टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें अंतिम 3 टेस्ट में उन्होंने ओपनिंग की है लेकिन इनस्विंग गेंदों को खेलने में उन्होंने कमजोरी दिखाई है। भारत प्रयोग के तौर पर पृथ्वी को खेलाने का जोखिम उठा सकता है, क्योंकि अब तो सीरीज हाथ से निकल चुकी है।
ऑफ स्पिनर रविचन्द्रन अश्विन चौथे टेस्ट से पहले फिट हो गए थे लेकिन आखिरी टेस्ट के लिए उनकी फिटनेस पर संदेह है। अश्विन यदि बाहर बैठते हैं तो विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर के गेंदबाज और लेफ्ट आर्म स्पिनर रवीन्द्र जडेजा को मौका मिल सकता है, जो अब तक चारों टेस्टों में बाहर बेंच पर बैठे रहे हैं।
टीम में एक सवाल ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को लेकर भी है, जो बल्लेबाजी में निरंतरता नहीं दिखा पा रहे हैं। हालांकि कप्तान विराट को पांड्या की उपयोगिता पर कोई संदेह नहीं है लेकिन निचले मध्यक्रम में उनकी नाकामी का भारत को खासा नुकसान उठाना पड़ा। शुक्रवार को मैच में भारतीय एकादश का रूप ही सबसे बड़ा सवाल होगा।
दूसरी तरफ मेजबान टीम की नजरें कुक को विजयी विदाई देने पर लगी होंगी। कुक ने हाल ही में घोषणा की थी कि 5वां टेस्ट उनके करियर का आखिरी टेस्ट होगा जिसके बाद वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। कुक का भारत के खिलाफ सीरीज के 4 टेस्टों में निराशाजनक प्रदर्शन रहा है।
कुक ने इस सीरीज के 4 टेस्टों की 7 पारियों में मात्र 109 रन बनाए हैं और इस दौरान उनका औसत महज 15.57 रहा है। इससे पहले भी कुक टेस्ट मैचों में संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में 13 और 0, दूसरे मैच में 21, तीसरे टेस्ट में 29 और 17 तथा चौथे टेस्ट मैच में 17 और 12 रन बनाए। लेकिन कुक अपने अंतिम टेस्ट में यादगार प्रदर्शन करना चाहेंगे और इंग्लैंड की टीम भी उन्हें विजयी विदाई देना चाहेगी।
इंग्लैंड ने आखिरी टेस्ट के लिए बुधवार को 13 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी है। ओपनर कीटन जेनिंग्स को वापस टीम में बुलाया गया है ताकि वे अपनी उपयोगिता साबित कर सकें। कीटन के साथ ओपनिंग में कुक रहेंगे। टीम में ओली पोप की भी वापसी हुई है। चौथे टेस्ट में नहीं खेल पाए क्रिस वोक्स को भी आखिरी मैच के लिए टीम में शामिल किया गया है। (वार्ता)