ब्रावो ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा, टी-20 क्लब क्रिकेट खेलते रहेंगे

गुरुवार, 25 अक्टूबर 2018 (15:06 IST)
पोर्ट ऑफ स्पेन। वेस्टइंडीज के आलराउंडर ड्वेन ब्रावो ने पेशेवर खिलाड़ी के रूप में अपने करियर को बढ़ाने के लिए गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा लेकिन वह दुनिया भर की ट्वेंटी-20 लीग के लिए उपलब्ध रहेंगे।
 
 
35 साल के ब्रावो फिलहाल भारत में सीमित ओवरों की श्रृंखला खेल रही वेस्टइंडीज की टीम का हिस्सा नहीं है। उन्होंने 2004 में पदार्पण करने के बाद से वेस्टइंडीज की ओर से 40 टेस्ट, 164 वनडे और 66 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। 
 
वह पिछली बार वेस्टइंडीज की ओर से दो साल से भी अधिक समय पहले खेले थे। क्रिकेट के अलावा ब्रावो ने अपने हिट गाने ‘चैंपियन्स’ से भी सुर्खियां बटोरी जो भारत में 2016 विश्व टी-20 में वेस्टइंडीज के विजयी अभियान के दौरान टीम का आधिकारिक गीत था। 
 
आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियन्स की ओर से खेलने वाले ब्रावो ने बयान में कहा, ‘आज मैं क्रिकेट जगत को पुष्टि करना चाहता हूं कि मैं आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले रहा हूं। मैं क्रिकेटर के रूप में अपना पेशेवर करियर जारी रखूंगा।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘वेस्टइंडीज के लिए पदार्पण करने के 14 साल के बाद मुझे अब भी वह लम्हा याद है जब मैंने जुलाई 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स क्रिकेट मैदान में पहली बार वेस्टइंडीज की कैप पहनी थी। उस समय जो उत्साह और जुनून मैंने महसूस किया था उसे मैंने अपने पूरे करियर के दौरान बरकरार रखा।’ 
 
त्रिनिदाद के इस क्रिकेटर से कहा कि उनका फैसला इस बात से भी प्रेरित है कि वह राष्ट्रीय टीम में युवा प्रतिभा के लिए जगह खाली करना चाहते हैं। ब्रावो ने 2010 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और 3 शतक तथा 13 अर्द्धशतक की मदद से 2200 रन बनाने के अलावा 86 विकेट भी चटकाए। 
 
ब्रावो ने 164 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2968 रन बनाए और 199 विकेट हासिल किए। टी-20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर 1142 रन और 52 विकेट दर्ज हैं। ब्रावो ने अपना अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भारत के खिलाफ धर्मशाला में 2014 में खेला।

इस दौरे के दौरान बोर्ड के साथ वेतन विवाद के कारण वेस्टइंडीज की पूरी टीम दौरे के बीच से ही स्वदेश लौट गई। ब्रावो उस समय टीम के कप्तान थे। 
 
इसके बाद उन्हें 2015 विश्व कप की वेस्टइंडीज की टीम से बाहर कर दिया गया। उन्होंने हालांकि इसके अगले साल विश्व टी-20 के लिए वेस्टइंडीज की टीम में जगह बनाई और टीम के खिताबी अभियान में अहम भूमिका निभाई।
 

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