पाकिस्तान की ओर से 124 टेस्ट खेलने वाले मियांदाद ने कहा कि यह शर्म की बात है कि इतनी अच्छी टीमें और रोमांचक युवा प्रतिभा होने के बावजूद भारत और पाकिस्तान नियमित तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खेलते। इस विश्व टेस्ट चैंपियनशिप या आईसीसी समर्थित किसी और लीग का क्या मतलब, अगर इसमें भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खेलें।
मियांदाद ने सभी उम्मीद खो दी है कि आईसीसी भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट दोबारा शुरू कराने में कोई भूमिका निभाएगा, जो 2008 से निलंबित है। इस बीच 2012- 13 में सिर्फ सीमित ओवरों की एक संक्षिप्त श्रृंखला खेली गई। मियांदाद ने कहा कि भारत और पाकिस्तान श्रृंखला एशेज से कहीं बड़ी है और अगर हम अपने मसलों को सुलझा लें तो दोनों देश क्रिकेट जगत पर राज कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अतीत में राजनीतिक रिश्तों का स्तर चाहे जैसा भी रहा हो, हमने बेहद तनावपूर्ण हालात में क्रिकेट खेला है और अंतत: इससे सरकारों को मदद मिली। अगर द्विपक्षीय क्रिकेट होता है तो इससे दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में मदद मिलेगी। अगर भारत और पाकिस्तान विश्व कप या चैंपियंस ट्रॉफी जैसी आईसीसी प्रतियोगिताओं या एशिया कप में खेल सकते हैं, तो फिर द्विपक्षीय मैच क्यों नहीं? (भाषा)