ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में लचर प्रदर्शन के बाद कप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी विराट कोहली के भविष्य को लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं लेकिन भारत के पूर्व महान हरफनमौला कपिल देव ने सोमवार को यहां कहा कि ये दोनों इतने बड़े खिलाड़ी हैं कि अपने भविष्य को लेकर फैसला खुद कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली नौ पारियों में एक शतक के साथ 190 रन ही बना सकें और बार बार ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर कैच देकर आउट हुए। कप्तान रोहित शर्मा के आंकड़े यहां और खराब रहे और वह तीन मैचों की पांच पारियों में महज 31 रन ही बना सके। वह खराब फॉर्म के कारण पांचवें टेस्ट मैच से बाहर थे।
भारतीय टीम को अपना अगला टेस्ट इस साल जून में इंग्लैंड दौरे पर खेलना है लेकिन भारतीय क्रिकेट जगत में सुपटस्टार संस्कृति को पीछे छोड़ने की बात उठ रही है।
भारत के पूर्व महान खिलाड़ी कपिल देव से जब PGTI (भारतीय पेशेवर गोल्फ टूर) के नये सत्र की घोषणा के लिए आयोजित कार्यक्रम में इन खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, विराट और रोहित बहुत बड़े खिलाड़ी है और खेल में अपने भविष्य का फैसला उन्हें खुद करने दीजिये।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित की गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह ने दो मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
रोहित की जगह टीम में कप्तान के दावेदारों के बारे में पूछे जाने पर इस विश्व कप (1983 वनडे) विजेता कप्तान ने कहा, इस में किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिये, जो मौजूदा कप्तान है वह भी किसी की जगह आये थे। जो भी कप्तान बने उसे पूरा समय मिलना चाहिये।
भारतीय टीम को इस दौरे पर बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों ने भी निराश किया। बुमराह के अलावा कोई भी अन्य गेंदबाज प्रभावित करने में विफल रहा। बुमराह भी पांचवें टेस्ट में चोटिल होने के कारण दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके जिससे ऑस्ट्रेलिया के लिए छोटा लक्ष्य हासिल करना काफी आसान हो गया।
बुमराह ने इस दौरे पर लगभग 150 ओवर गेंदबाजी कर 32 विकेट झटके। कपिल ने 1991-92 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से योगदान देने के अलावा 284 ओवर गेंदबाजी की थी और श्रृंखला में 25 विकेट झटककर इसी दौरान टेस्ट में अपने 400 विकेट पूरे किये थे। बुमराह हालांकि अपने अलग तरह के एक्शन के कारण जल्दी चोटिल हो गये। टीम को इस दौरे पर चोटिल मोहम्मद शमी की भी कमी खली।
भारत को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा।कपिल ने अपनी गेंदबाजी से मौजूदा गेंदबाजों की तुलना करना सही नहीं समझा। पीजीटीआई के अध्यक्ष ने (भाषा) के सवाल पर कहा, खेल में तुलना करना ठीक नहीं है। दो अलग-अलग दौर के खिलाड़ियों की तुलना नहीं की जानी चाहिए। आज के दौर में खिलाड़ी एक दिन में 300 रन बना लेते हैं लेकिन हमारे जमाने में ऐसा नहीं होता था।
इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की आगामी श्रृंखला के लिए भारत की टी20 टीम में यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत जैसे आक्रामक बल्लेबाजों को शामिल नहीं करने पर कपिल ने कहा, मैं दूसरों के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता हूं , चयनकर्ताओं ने कुछ सोच समझ कर टीम का चयन किया है। मैं कुछ कहूंगा तो शायद उनकी आलोचना करना होगा। मैं आलोचना नहीं करना चाहता हूं।
जायसवाल और पंत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांचों टेस्ट मैच का हिस्सा था ऐसे में शायद चयनकर्ताओं ने उन्हें खेल के सबसे छोटे प्रारूप की श्रृंखला से विश्राम दिया है।इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला और चैम्पियंट ट्रॉफी की टीम की अभी घोषणा नहीं हुई है। इन टूर्नामेंटों में जायसवाल और पंत की टीम में वापसी हो सकती है।