25 साल पहले सिद्धू ने जड़ा था करियर का एकमात्र दोहरा टेस्ट शतक, आज राजनीति की पिच पर हुए आउट
बुधवार, 16 मार्च 2022 (12:55 IST)
लोग अपने अच्छे और बुरे दोनों दिन याद रखते हैं। लेकिन कभी कभी जिंदगी ऐसा दिलचस्प मोड़ ले लेती है कि यादगार दिन और बुरा दिन की तारीख एक ही हो जाती है।
इसका ताजा उदाहरण क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू हैं। जिन्होंने 25 साल पहले अपने करियर का एक मात्र दोहरा टेस्ट शतक जमया था। यह दिन 1997 में तो उनके लिए यादगार रहा लेकिन साल 2022 में नहीं। आज उन्होंने पंजाब कॉंग्रेस पद से इस्तीफा दे दिया। तारीख एक ही है, लेकिन तब खुशी थी तो आज गम।
इंडीज में खेली पारी है टेस्ट क्रिकेट की सबसे धीमा दोहरा शतक
भारत के सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने 1997 में वेस्टइंडीज के तूफानी गेंदबाजों का मुकाबला करते हुए बनाया था।
नवजोत सिंह सिद्धू ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में खेलते हुए अपने टेस्ट करियर का एकमात्र दोहरा शतक लगाया। उन्होंने 673 मिनट तक बल्लेबाजी करते हुए 201 रन की पारी खेली जो उस समय क्रिकेट इतिहास में सबसे धीमे दोहरे शतक के तौर पर दर्ज हो गई। भारत ने उस मैच में 436 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज ने 296 और 299/6 का स्कोर बनाया और यह मुकाबला ड्रॉ रहा था।
सबसे तेज दोहरा शतक भी आज ही बना था
वहीं सबसे तेज दोहरा शतक 2002 में न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल ने इंग्लैंड के खिलाफ 163 गेंद में पूरा किया। हालांकि सबसे दिलचस्प बात यह है कि सिद्धू सबसे धीमा दोहरा शतक जमाकर भी मैच के हीरो बन गए जबकि एस्टल सबसे तेज दोहरा शतक लगाकर भी अपनी टीम को हार से नहीं बचा पाए।
पंजाब कॉंग्रेस की करारी हार के बाद आज दिया इस्तीफा
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की पंजाब इकाई के प्रदेश अध्यक्ष पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया।
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की घोषणा की।
उन्होंने ट्वीट किया, जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है।....।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने त्यागपत्र में लिखा, मैं अध्यक्ष (पीपीसीसी) के पद से इस्तीफा देता हूं।
सिद्धू को अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट पर आप उम्मीदवार जीवनजोत कौर ने 6,750 मतों के अंतर से हराया था। सिद्धू पिछले साल जुलाई में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के अध्यक्ष बने थे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के मद्देनजर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पांचों चुनावी राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा था।