पुणे। न्यूजीलैंड के खिलाफ वन-डे सीरिज का ओपनिंग मैच गंवाने के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बुधवार को यहां दूसरे मैच में करो या मरो की स्थिति पैदा हो गई है और मुकाबले में बने रहने के लिए उसे हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
मेहमान न्यूजीलैंड टीम ने भारत को मुंबई में हुए पहले मैच में छ: विकेट से हराया था और वह तीन मैचों की सीरीज़ में 1-0 से आगे हो गई है। यदि कीवी टीम यहां महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में दूसरा मैच भी जीत लेती है तो भारतीय टीम 0-2 से सीरीज गंवा बैठेगी।
भारत ने न्यूजीलैंड के साथ सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू मैदान पर 4-1 से पांच मैचों की वनडे सीरीज जीती थी जो उसकी जून 2016 के बाद से लगातार छठी वन-डे सीरीज जीत है। यदि मेजबान टीम पुणे वन-डे हार जाती है तो उसका अपराजेय क्रम भी टूट जाएगा।
टीम इंडिया को पिछले मैच में कप्तान विराट कोहली की बेहतरीन शतकीय पारी के बावजूद हार झेलनी पड़ी थी और मैच के बाद कप्तान ने माना था कि बल्लेबाजों को बोर्ड पर और रन जोड़ने की जरूरत थी। पिछले मैच में रोहित शर्मा और शिखर धवन की ओपनिंग जोड़ी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में कामयाब नहीं रही जबकि विराट के 121 रन को छोड़कर बाकी कोई बल्लेबाज़ बड़ा स्कोर नहीं बना सका, वहीं गेंदबाज़ों खासकर स्पिनरों को भी कीवी बल्लेबाजों ने काफी नियंत्रित किया।
न्यूजीलैंड के लिए टॉम लाथम और रॉस टेलर ने 200 रन की जबरदस्त साझेदारी की और अपनी टीम को आसान जीत दिला दी। लाथम ने इस मैच में नाबाद 103 रन और टेलर ने 95 रन बनाए जबकि भारतीय गेंदबाज कीवी बल्लेबाजों को चाहकर भी परेशान नहीं कर सके और मेहमान टीम ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में सबसे सफल रहे स्पिन जोड़ीदार चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल 64 और 51 रन देकर काफी महंगे साबित हुए जबकि कीवी बल्लेबाजों ने इन स्पिनरों को बेहतरीन ढंग से समझा और बिना आक्रामकता दिखाए संयम से इन पर अपने शॉट्स लगाए और उसका नतीजा रहा कि दोनों गेंदबाज़ मिलकर केवल एक ही विकेट निकाल पाए।
इंडियन प्रीमियर लीग के सफल खिलाड़ियों में से एक टेलर ने 100 गेंदों में केवल आठ चौके लगाये और 95 रन जोड़े जबकि पिछले भारत दौरे में भी सफल रहे लाथम ने इस बार भी खुद को स्पिन मददगार पिचों पर साबित करते हुए अपना चौथा वन-डे शतक जड़ दिया। ऐसे में इन दोनों बल्लेबाजों के लिए दूसरे महत्वपूर्ण मैच में भी इसी प्रदर्शन को दोहराने की जिम्मेदारी रहेगी जबकि भारतीय गेंदबाजों के लिये ये निशाने पर रहेंगे।
दूसरी ओर भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन से पिछले मैच में निराश रहे विराट के संकेत यदि टीम समझ गई होगी तो निश्चित ही उसके बल्लेबाज़ बड़ा स्कोर बनाने का प्रयास करेंगे। पिछले मैच में विराट ने अपने 200वें वनडे में 31वां शतक जड़ा लेकिन उनके अलावा अन्य कोई बल्लेबाज़ अर्द्धशतक भी नहीं बना सका था।
28 वर्षीय स्टार बल्लेबाज़ अकेले ही कीवी गेंदबाजों के सामने टिके रहे और 125 गेंदों में नौ चौके और दो छक्के लगाकर 121 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली और टीम को 200 के पार पहुंचाया। मध्यक्रम में महेंद्रसिंह धोनी, ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या, दिनेश कार्तिक से और बेहतर स्कोर की उम्मीद की जा सकती है, वहीं इन खिलाड़ियों को कीवी गेंदबाजों से सतर्क रहना होगा।
टीम इंडिया के खिलाफ मुंबई में तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट 35 रन पर चार विकेट लेकर सबसे सफल रहे थे जबकि अन्य तेज गेंदबाज टिम साउदी को तीन विकेट मिले। कीवी टीम के दो तेज गेंदबाजों ने जहां सात विकेट निकाले तो वहीं भारत की आक्रामक तिकड़ी जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और पांड्या मिलकर 158 रन लुटाकर तीन विकेट निकाल पाए थे। ऐसे में भारत को करो या मरो के मुकाबले में ऑलराउंड प्रदर्शन करना होगा। (भाषा)