भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। सितंबर के महीने में जब बांग्लादेश की पुरुष क्रिकेट टीम को चेन्नई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जब अपने होटल आई तो होटल में मौजूद भारतीय महिला कर्मचारियों ने शॉल से उनका स्वागत किया था।
जाहिर तौर पर यह आदेश भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने ही दिया था।भारतीय फैंस को स्वागत का यह तरीका नागवार गुजरा और स्थानीय फैंस ने इसकी एक्स यानि कि ट्विटर पर आलोचना की थी।
इस सीरीज का बहिष्कार करने की मांग जोरों पर थी लेकिन खेल का पहलु समझ रहे कुछ भारतीय फैंस यह कहना चाह रहे कि कम से कम भारतीय क्रिकेटर्स बांग्लादेशी हिंदूओं के लिए बांह पर बांधेगे काली पट्टी पहनकर तो खेलें क्योंकि साल 2021 के विश्वकप में वह Black Lives Matter अभियान के तहत अमेरिका में रंग भेद का शिकार हुए जोर्ज फ्लॉयड के लिए अपने घुटने तक टेक चुके हैं। हालांकि यहां पर भी ढाक के तीन पात हुआ और चेन्नई के पहले टेस्ट में ही दिख गया कि टीम ने काली पट्टी नहीं बांधी।
Not a single bid for any Kangladesh players, all went unsold in 2025 IPL auction
लेकिन कल हुई आईपीएल नीलामी (IPL 2025 Mega Auction)में फ्रेंचाइजी ने यह सुनिश्चित किया बांग्लादेशी क्रिकेटरों का बहिष्कार हो। हालांकि यह एक संयोग हो सकता है।
लेकिन मुस्तफिजुर रहमान पर चेन्नई सुपर किंग्स का बोली ना लगाना यह दर्शाता है कि हो सकता है फ्रैंचाइजियों ने बांग्लादेशी खिलाड़ियों को ना लेने का मन बनाया हो।इस साल उनका प्रदर्शन काफी अच्छा था या यूं कहें कि चेन्नई के मुख्य गेंदबाज ही वही थे और उनके लौटने के बाद ही टीम अंक तालिका में नीचे गई।
पिछले साल कोलकाता की टीम में शामिल बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज लिट्टन दास को भी कोलकाता ने नहीं खरीदा, जबकि वह विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं।
शाकिब अल हसन तो टेस्ट सीरीज के बाद से ही भारत में ही है। उन्होंने संन्यास ही भारत में लिया।शाकिब को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए बांग्लादेश की टीम में शामिल किया गया था जो इस प्रारूप में उनका अंतिम मैच होने वाला था। वह कोलकाता की टीम से कई सालों तक खेलते आए थे। इस प्रारुप के वह कई समय तक नंबर 1 ऑलराउंडर भी रहे। लेकिन इस बार कोलकाता ने उनको घास नहीं डाली।
स्पिन ऑलराउंडर महेंदी हसन मिराज का आधार मूल्य 1 करोड़ रुपए था लेकिन उनको भी किसी फ्रैंचाइजी ने खरीदने की दिलचस्पी नहीं दिखाई जबकि वह जरूरत पड़ने पर गेंद और बल्ले से कुछ महत्वपूर्ण योगदान देते आए हैं।