जब सचिन ने कहा था- 'लैपटॉप क्या करेगा ड्रेसिंग रूम में', और सचिन गलत निकले

गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (17:45 IST)
एक दौर था जब क्रिकेट में कला हावी थी और तकनीक नदारद थी। लेकिन अब तकनीक क्रिकेट की इस 22 गज की पिच पर पूरी तरह हावी है। क्रिकेट में विपक्षी खिलाड़ियों की ताकत और कमजोरी जानने के लिए उनके वीडियो फुटेज दिखाए जाते हैं। यही नहीं खिलाड़ी अपनी कमजोरी और ताकत खुद की वीडियो रिकॉर्डिंग से भी जान सकता है।
 
भारत के महान बल्लेबाजों में शुमार पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने तकनीक से जुड़ा एक दिलचस्प वाक्या अंग्रेजी अखबार को दिए गए एक इंटर्व्यू में साझा किया। 
 
सचिन ने बताया कि साल 2002 के दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में लैपटॉप दिखाई दिया। इस पर सचिन तेंदुलकर की पहली प्रतिक्रिया थी कि लैपटॉप क्या करेगा ड्रेसिंग रुम में। हालांकि इसके बाद टीम ने लैपटॉप को औपचारिक तौर पर अपना लिया।
 
मैदान पर सचिन की सोच या यू कहें भविष्यवाणी ज्यादातर मौकों पर सही रहती थी। यह संभवत पहला मौका होगा जब सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से संबंधित अपनी सोच जाहिर की हो और वह गलत साबित हुई हो। 
 
इसके बाद इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर ने समझाया कि क्रिकेट में तकनीक के आगमन के बाद खिलाड़ियों की मानसिकता किस तरह से बदल गई। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रेसिंग रूम या फिर होटल में होने वाली टीम मीटिंग सिर्फ तकनीक पर आधारित होने लगी। 
 
यह मीटिंग अब नंबरों और डाटा पर आधारित होने के साथ साथ कम समय में खिलाड़ियों को ज्यादा जानकारी देने लगी। प्रतिद्वंदी टीम के बारे में तो फिर भी खिलाड़ियों को जानकारी होती थी लेकिन पिच और मैदान के बारे में तकनीक ने खिलाड़ियों का बहुत साथ दिया।
 
सचिन ने कहा इसके पहले खिलाड़ी पुराने अनुभव मीटिंग में साझा करते थे। जैसे कि याद है ना मेलबर्न पर आउटस्विंग पर आउट किया था। इसके बाद पूरी टीम के गेंदबाजों का ध्यान आउटस्विंग गेंदे डालने पर होता था। यह सोचे बिना कि हर दिन एक जैसा नहीं होता। 
खुद की बल्लेबाजी से ज्यादा विपक्षी गेंदबाजों की वीडियो देखते थे सचिन
 
भले ही शुरुआत में सचिन ने लैपटॉप देखकर तकनीक को क्रिकेट में दरकिनार करने की कोशिश की हो लेकिन उन्होंने तकनीक को जल्द ही अपनी तैयारियों में शामिल कर लिया था।
 
सचिन ने इस पर जानकारी दी कि वह गेंदबाजों के वीडियो देखना पसंद करते थे। इससे उन्हें यह पता लग जाता था कि एक एक्शन पर गेंदबाज कौन सी गेंद डाल सकता है। हालांकि वह खामियों के लिए खुद की बल्लेबाजी का वीडियो फुटेज देखना पसंद नहीं करते थे। ताकि उन पर अतिरिक्त दबाव ना बने।

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