भारतीय क्रिकेट के कई पूर्व दिग्गज चाहते हैं कि रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में शनिवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में पारी का आगाज करें लेकिन भारतीय कप्तान शायद इस मुकाबले में एडीलेड की तरह छठे क्रम पर ही बल्लेबाजी जारी रखें।
रोहित अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण शुरुआती टेस्ट में नहीं खेले थे। उनकी गैरमौजूदगी में लोकेश राहुल ने यशस्वी जायसवाल के साथ पारी का आगाज करते हुए शानदार बल्लेबाजी की। भारतीय कप्तान ने एडीलेड में गुलाबी गेंद के टेस्ट में मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते हुए तीन और छह रन बनाए थे।
अगर कोई SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में रोहित के आंकड़ों को देखें तो 46 पारियों में उनका बल्लेबाजी औसत 30 से कम है, जबकि सलामी बल्लेबाज के रूप में 20 पारियों में एक शतक की मदद से उनका औसत 37.8 का है। उन्होंने 2021 में इंग्लैंड में पारी का आगाज करते हुए शानदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने द ओवल में शतक जड़ा था।
इस मामले पर PTI (भाषा) ने जब BCCI के एक लेवल थ्री कोच से बात की तो उन्होंने रोहित की बल्लेबाजी में आयी तकनीकी खामी का हवाला देते हुए कहा कि उनके लिए पारी का आगाज करना उतना अच्छा नहीं होगा।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में रोहित की तकनीक पर काम कर चुके इस कोच ने कहा, रोहित शर्मा ने अपने पूरे करियर में बहुत ही सीमित फुटवर्क कर इस्तेमाल किया है। जब वह अपने चरम पर थे तब भी अधिक फुटवर्क का इस्तेमाल नहीं करते थे। 37 साल से अधिक उम्र होने के बाद उनकी रिफ्लेक्स (गेंद पर शरीर की प्रतिक्रिया) धीमी हो गई है और वह गेंद की लंबाई को भांपने में अधिक समय ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, रोहित को आईपीएल में तेजी से रन बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि यहां उन्हें 130 किलोमीटर प्रति घंटे वाले कुछ घरेलू गेंदबाजों का सामना करना होगा।
उन्होंने कहा, आप उनके आउट होने के तरीके को देखेंगे तो वह अपने अगले पैर को ज्यादा बाहर नहीं निकाल रहे हैं। अगर आप पैर को ज्यादा बाहर निकालेंगे तो गेंद की स्विंग से होने वाले प्रभाव को कम कर सकते हैं।
खुद सलामी बल्लेबाज रह चुके इस कोच ने कहा, जब आपकी रिफ्लेक्स कमजोर होती है तो आप कदमों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते है। वह अगर गाबा में पारी का आगाज करेंगे तो लाल कूकाबुरा गेंद की स्विंग से उन्हें सामंजस्य बैठाने में परेशानी होगी। वह छठे क्रम पर आएंगे तो बहुत संभावना होगी कि वह पुरानी गेंद का सामना करें। अगर 80 ओवर के खेल के बाद नयी गेंद ली भी गयी तो तब तक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज काफी थम गये होंगे।
पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी का विचार भी ऐसा ही है।उन्होंने कहा, रोहित और विराट कोहली के रुख की तुलना करें तो भारतीय कप्तान थोड़े ओपन स्टांस के साथ बल्लेबाजी करते है। ऐसे में अगले पैर को ज्यादा आगे नहीं ले जाया सकता है। विराट अपने कदमों को काफी आगे निकलने में सफल रहते हैं।
उन्होंने कहा, रोहित से छठे क्रम पर बल्लेबाजी करवाने का टीम प्रबंधन का फैसला सही था।भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री और महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का हालांकि मानना है कि रोहित को पारी का आगाज करना चाहिये।
शास्त्री ने कहा कि वह मध्यक्रम में बिलकुल भी सहज नहीं दिखे। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, मैं उसे शीर्ष पर चाहता हूं। इस स्थान पर वह आक्रामक बल्लेबाजी कर सकता है। मध्यक्रम में उसके हाव-भाव देखकर लगा कि वह कुछ ज्यादा ही बंध गया है।गावस्कर ने कहा, उसे अपने स्थान पर लौटना चाहिये। हमें यह याद रखना चाहिये कि राहुल ने पारी का आगाज क्यों किया। उन्होंने रोहित की गैरमौजूदगी में यह भूमिका निभाई।