नई दिल्ली। मोबाइल निर्माता कंपनी अोप्पो मंगलवार को भारतीय क्रिकेट टीम की नई प्रायोजक बनी जो दिग्गज प्रसारण कंपनी स्टार इंडिया की जगह लेगी।
बीसीसीआई ने बयान में कहा कि बोर्ड को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अोप्पो मोबइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारतीय क्रिकेट टीम का नया टीम प्रायोजक बन गया है। बोर्ड ने कहा कि बीसीसीआई के साथ मोबाइल निर्माता अोप्पो की साझेदारी अप्रैल 2017 से शुरू होगी जो पांच साल के लिए होगी।
स्टार इंडिया ने इससे पहले स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने प्रायोजक करार को आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं करेगा जो अगले महीने खत्म हो रहा है। कंपनी ने इस फैसले के लिए बोर्ड के साथ प्रतिबद्धताओं को लेकर मतभेद को कारण बताया था।
स्टार इंडिया 2013 में सहारा की जगह भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायोजक बना था, जिसे बोर्ड ने अयोग्य घोषित किया था। टीम प्रायोजक को भारत की पुरूष और महिला टीम की किट पर अपना व्यावसायिक लोगो लगाने का अधिकार होगा।
1079 करोड़ रुपए बनी प्रायोजक : बीसीसीआई ने ओप्पो को अगले पांच साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का नया प्रायोजक बनाया है। ओप्पो ने 1079.29 करोड़ रुपए में अगले पांच साल के लिए टीम इंडिया के प्रायोजन अधिकारी खरीदे हैं। ओप्पो 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए टीम इंडिया की प्रायोजक रहेगी।
भारत को इस अवधि के दौरान 14 घरेलू सीरीज, 20 विदेशी सीरीज, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, आईसीसी क्रिकेट विश्वकप और ट्वेंटी-20 विश्वकप खेलने हैं। प्रायोजक के लिए बोली प्रशासकों की समिति में शामिल डायना इडुलजी, बीसीसीआई अधिकारियों तथा बोलीदाताओं की उपस्थिति में निविदा प्रक्रिया के जरिए बीसीसीआई मुख्यालय में खोली गई।
प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति के अध्यक्ष विनोद रॉय ने टीम का नया प्रायोजक चुनने की प्रक्रिया पर अपनी संतुष्टि जताते हुए बोर्ड को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने टीम का नया प्रायोजक चुनने की प्रक्रिया में हुई पारदर्शिता पर भी अपनी संतुष्टि जाहिर की।