भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि विराट कोहली और मोहम्मद शमी की शख्सियत भले ही अलग-अलग हो, लेकिन दोनों के पास जबरदस्त मानसिक ताकत है, जिससे टीम इंडिया को सफलता मिली है।
कोहली (95.62 की औसत से 765 रन) और शमी (10.70 की औसत से 24 विकेट) ने पिछले साल वनडे विश्व कप में भारत को फाइनल में पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दोनों खिलाड़ी क्रमश: बल्लेबाजों और गेंदबाजों की सूची में पहले स्थान पर थे।
म्हाम्ब्रे ने यहां इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स एंड मैनेजमेंट में प्रबंधन पेशेवर विष्णु गोविंद द्वारा लिखित पुस्तक जी.ओ.ए.टी.एस. मस्ट बी क्रेजी के विमोचन के अवसर पर कहा, दोनों पूरी तरह से अलग व्यक्तित्व हैं, लेकिन मानसिक ताकत के मामले में, दोनों एक जैसे है।
उन्होंने कहा, विराट के चेहरे पर हर समय आक्रामकता का भाव झलकता है। शमी इसके विपरीत है। आपने बहुत से गेंदबाजों को विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए देखा होगा, लेकिन शमी ज्यादा जोश में जश्न नहीं मनाते है।
उन्होंने कहा, शमी शांतचित्त रहते है, लेकिन वह अपने खेल के हर पहलू को समझते हैं। वह जानते हैं कि उनसे क्या अपेक्षा की जाती है। मैंने हाल के दिनों में शमी के साथ बहुत काम किया है। वह प्रशिक्षण के मामले में पूरी तरह से अलग हैं और वह उस तरह से ही काम करते है जो उनके लिए उपयुक्त हो। वह अपने शरीर को अच्छे से जानते है।
महाम्ब्रे ने कोहली के बारे में कहा,विराट लक्ष्य का पीछा करने में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। छोटे प्रारूपों में लक्ष्य का पीछा करना हमेशा मुश्किल होता था, लेकिन अगर आप हाल के दिनों के रिकॉर्ड को देखें, तो इसमें काफी सुधार हुआ है। वह प्रमुख कारण है कि भारत ने विशाल लक्ष्य का पीछा किया है।
उन्होंने कहा, दोनों खिलाड़ियों का दृष्टिकोण अलग-अलग हो सकता है लेकिन वे अपनी भूमिकाओं को अच्छी तरह से समझते हैं। उनकी मानसिक ताकत से हमें समान परिणाम मिलते हैं। मानसिक रूप से दबाव को झेलने के मामले में दोनों शीर्ष पर हैं।(भाषा)