रोहित शर्मा ने बुधवार को तत्काल प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे सबसे लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर सभी अटकलें खत्म हो गईं।
यह 38 वर्षीय खिलाड़ी अपने करियर के दूसरे हिस्से में भारत के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक था। रोहित ने 67 टेस्ट में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए।
पिछले साल विश्व कप के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से पहले ही संन्यास ले चुके रोहित अब भारत के लिए केवल वनडे प्रारूप में ही नजर आएंगे।
रोहित ने पीटीआई की खबर ब्रेक करने के बाद अपने इंस्टाग्राम पर अपनी टेस्ट कैप के साथ एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, सभी को नमस्कार, मैं बस यह साझा करना चाहता हूं कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही है।
उन्होंने लिखा, इतने सालों तक मिले प्यार और समर्थन के लिए आपका शुक्रिया। मैं वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा।
रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की कप्तानी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पिछली श्रृंखला और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बोर्डर-गावस्कर श्रृंखला के अलावा कप्तान के रूप में उनका प्रदर्शन प्रभावी रहा।
इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए भारत के पास एक नया टेस्ट कप्तान होगा जिसके संभावित उम्मीदवार जसप्रीत बुमराह, लोकेश राहुल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत हो सकते हैं।
रोहित ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कठिन दौर का सामना किया, जहां उन्हें खराब फॉर्म के कारण अंतिम एकादश से बाहर होने का फैसला करना पड़ा। पर उन्होंने उस समय संन्यास लेने से इनकार कर दिया था।
मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ उनके मतभेदों की भी काफी अटकलें रही थीं जिन्होंने पिछले साल जुलाई में कार्यभार संभालने के बाद भारतीय क्रिकेट में स्टार संस्कृति खत्म करने की बात की थी।
दोनों ने लगातार इस बात का खंडन किया। लेकिन गंभीर ने बार बार स्पष्ट किया है कि केवल प्रदर्शन ही टीम में चयन सुनिश्चित करेगा। (भाषा)