इससे पहले 15 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई की अनुशासन समिति के श्रीसंत के इस मामले में कथित तौर पर शामिल होने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के आदेश को दरकिनार कर दिया था। तब न्यायालय ने कहा था कि अनुशासन समिति को तीन महीने के भीतर श्रीसंत को दी गई सजा की मात्रा पर पुनर्विचार करना चाहिए।