श्रीसंत ने आईएसजीसीटी वार्षिक सम्मेलन से इतर कहा, मेरे पास अब केवल यही विकल्प बचा है कि मैं उच्चतम न्यायालय की शरण में जाऊं। क्रिकेट के अलावा मेरी जिंदगी अच्छी चल रही है। मैं अपने अधिकारों के लिए लडूंगा। यह केवल देश की तरफ से खेलने से नहीं जुड़ा है बल्कि यह सम्मान वापस पाने का मामला है।
श्रीसंत ने कहा कि वह अब तक चुप रहे लेकिन अब अपने दिल की बात कहने का सही वक्त है। उन्होंने कहा, यही वजह है कि अब मैं खुल गया हूं और मैंने बतियाना शुरू कर दिया है। यह केवल शुरुआत है और अभी कई और चीजें सामने आएंगी। (भाषा)