महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति सूत्रों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिदिन भगवान महाकाल को अर्पित किए जाने वाले पानी, फूल और अन्य सामग्री को लेकर विगत दिनों निर्देश दिए थे। इसका परिपालन करते हुए मंदिर प्रशासन यहां ज्योतिर्लिंग का अभिषेक सवा लीटर से अधिक पंचामृत से नहीं करेगा। पंचामृत अभिषेक में मात्र दूध, घी, दही, शहद और खांडसारी का ही उपयोग होगा। प्रतिदिन शाम 5 बजे के बाद ज्योतिर्लिंग को विधिवत साफ कर सुखाया जाएगा तत्पश्चात गर्भगृह में सूखी पूजा की जाएगी।
मंदिर में बड़ी बाल्टी और घड़े ले जाना प्रतिबंधित रहेगा और तड़के होने वाली भस्म आरती में भगवान को भस्मी चढ़ाते समय लिंग को पूर्ण रूप से शुद्ध सूती कपड़े से ढंका जाएगा तथा पूजन करते समय ज्योतिर्लिंग को हाथ से रगड़ना या घिसा जाना पूर्ण रूप प्रतिबंधित रहेगा। महाकाल मंदिर में ज्योतिर्लिंग पर पुष्प एवं बिल्वपत्र शीर्ष भाग पर ही चढ़ाया जाएगा। गर्भगृह के क्षेत्र को स्वच्छ एवं सूखा रखा जाएगा। (वार्ता)