पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बागी इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) में अपने खिलाड़ियों को हिस्सा लेने से रोकने के लिए उन्हें भारी भरकम रकम दी थी1
स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से घिरे पाकिस्तानी खिलाड़ी सलमान बट और मोहम्मद आसिफ के खिलाफ लंदन की एक अदालत में चल रही कार्यवाही के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है।
लंदन की साउथवार्क क्राउन अदालत में सुनवाई के सातवें दिन अभियोजन पक्ष के वकील ने पीसीबी के क्रिकेट संचालन के पूर्व निदेशक जाकिर खान से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए खिलाड़ियों को दी जाने वाली धनराशि के बारे में जानकारी ली। इस दौरान पूर्व निदेशक ने प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाली आईसीएल में हिस्सा लेने सेखिलाड़ियों को रोकने के लिए 22 हजार पाउंड की धनराशि वितरित करने की पुष्टि की।
गौरतलब है कि आईसीएल में एक टीम का गठन किया गया था जिसका नाम (लाहौर बादशाह) रखा गया था जिसमें कई पाकिस्तानी खिलाड़ी शामिल थे। इस टीम की कप्तानी पूर्व स्टार खिलाड़ी इंजमाम उल हक के हाथों में थी और पूर्व विकेटकीपर मोइन खान इसके कोच हैं।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से आईसीएल को समर्थन नहीं मिला था जिसे इसे बागी लीग का तमगा दिया गया था। आईसीएल में शामिल पाकिस्तान के धुरंधर खिलाड़ियों मोहम्मद सामी, अब्दुल रज्जाक और मोहम्मद यूसुफ जैसे खिलाड़ियों को लीग में खेलने से रोकने के लिए पीसीबी ने अपने खिलाड़ियों को बड़ी रकम का भुगतान किया था। (भाषा)