मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने भारतीय टीम का टेस्ट कप्तान बनने से इनकार कर दिया है। सचिन को टेस्ट मैचों के लिए कप्तानी का प्रस्ताव दिया गया था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिन को पाकिस्तान के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए कप्तानी की पेशकश की गई थी, लेकिन सचिन ने इस प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक नामंजूर कर दिया।
सचिन के इनकार करने की स्थिति में वनडे कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का टेस्ट कप्तान बनना लगभग तय माना जा रहा है। धोनी ने सितंबर माह में दक्षिण अफ्रीका में हुए ट्वेंटी-20 विश्व कप में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी की थी और भारत इस टूर्नामेंट में सिरमौर रहा था।
ट्वेंटी-20 विश्व कप के दौरान ही राहुल द्रविड़ ने टीम की कप्तानी छोड़ दी थी, जिस पर क्रिकेट जानकारों ने हैरत जताई थी। द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी को वनडे टीम की भी कप्तानी सौंप दी गई थी, लेकिन इससे पहले वनडे टीम की कप्तानी के लिए सचिन तेंडुलकर का नाम सबसे ऊपर था।
सचिन ने उस वक्त भी कप्तानी के लिए मना कर दिया था और इस तरह वनडे मैचों की कप्तानी धोनी को मिल गई थी। इस वक्त भी कुछ ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है। सचिन के टेस्ट टीम की कप्तानी से इनकार करने के बाद टेस्ट कप्तानी भी धोनी की झोली जाती दिखाई दे रही।
सचिन की कप्तानी का सफर : सचिन तेंडुलकर को पहली बार अगस्त 1996 में कप्तान बनाया गया था। उन्होंने दिसम्बर 1997 में कप्तानी छोड़ दी। अगस्त 1999 में उन्हें दोबारा भारतीय टीम की कमान सौंपी गई जो 2000 तक जारी रही। सचिन तेंडुलकर ने इसलिए छोड़ी थी क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज दौरे के चौथे टेस्ट मैच में 120 रनों के लक्ष्य को भी नहीं पा सकी थी।
सचिन के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 25 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया लेकिन उसे अधिक सफलता नहीं मिल पाई। इस दौरान सचिन तेंडुलकर का औसत भी अच्छा नहीं रहा।
धोनी के लिए जल्दबाजी : दूसरी तरफ ट्वेंटी-20 की विश्वविजेता टीम के कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी पर एक दिवसीय टीम की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। उनकी अगुवाई में भारत ने पहले वनडे में पाकिस्तान को पाँच विकेट से हरा दिया। धोनी ने अब तक केवल 20 टेस्ट मैच खेलें हैं, ऐसे में क्रिकेट में दखल रखने वाले जानकारों की राय है उन्हें टेस्ट टीम का कप्तान बनाया जाना जल्दबाजी होगी।
गुरुवार को चयन समिति के धुरंधर जमा हो रहे हैं और वे टेस्ट टीम के कप्तान का ऐलान करेंगे। संभावना यह भी बन रही है कि चयन समिति एक बार फिर सौरव गांगुली के नाम पर विचार कर सकती है या फिर अनिल कुंबले के नाम पर भी चर्चा हो सकती है, जो इन दिनों कर्नाटक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।