1889 में आज ही के दिन आधुनिक ब्रा का अविष्कार हुआ था। विक्टोरियन काल में महिलाएं कोर्सेट पहनती थीं जो एक तरह का जैकेट होता था, जिसे पीछे डोरियों से बहुत ज्यादा कस दिया जाता था।
यह इतना कसा हुआ होता था कि डॉक्टरों ने वॉर्निंग दी थी कि इसके कसे होने के कारण जी घबराना, पेट में गड़बड़ी, सांस फूलने जैसी परेशानी हो सकती है। लंदन के विज्ञान संग्रहालय में जो पुश अप ब्रा रखी हुई है वह 19वीं सदी की शुरुआत में बनाई गई थी। लाइफ पत्रिका के मुताबिक 30 मई 1889 को फ्रांस की हरमिनी काडोले ने आधुनिक ब्रा बनाई। उन्होंने दो पीस का अंडरगारमेंट बनाया था। जिसे कोर्सेलेट जॉर्ज नाम दिया गया।
इसके बाद 1960 के दशक में महिलावादियों यानी फेमिनिस्ट का झंडा बुलंद करने वाली महिलाओं ने ब्रा के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। उनका दावा था कि ब्रा, कृत्रिम पलकें, बालों को घुंघराले करने वाले कर्लर, पुरुषवादी समाज का प्रतीक हैं और स्त्री के दमन का भी। इतना ही नहीं उनका कहना यह भी था कि इनसे महिलाएं सिर्फ सेक्स ऑब्जेक्ट बन जाती हैं।