फुटबॉल शुटबॉल हाय रब्बा

रविवार, 2 जनवरी 2011 (14:04 IST)
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ब्रिटिश फिल्म बेंड इट लाइक बेकहम उत्तर कोरियाई टीवी पर प्रसारित होने वाली पहली पश्चिमी फिल्म बताई जा रही है। भारतीय मूल की निर्देशक गुरिंदर चड्ढा की यह फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है जो फुटबॉलर बनना चाहती है।

दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में ब्रिटिश राजदूत मार्टिन उडेन ने ट्विटर पर लिखा है कि यह फिल्म 26 दिसंबर को उत्तर कोरिया में प्रसारित की गई। दरअसल यह फिल्म उत्तर कोरिया और ब्रिटेन के राजनयिक संबंधों की 10वीं वर्षगांठ पर दिखाई गई।

गुरिंदर चड्ढा की इस फिल्म में परमिंदर नागरा और कीरा नाइटली ने काम किया है. उडेन लिखते हैं, '26 दिसंबर को बेंड इट लाइक बेहहम ऐसी पहली पश्चिमी फिल्म बनी जिसे टीवी पर प्रसारित किया गया। इसके लिए ब्रिटिश दूतावास बधाई का पात्र है।'

हिंदी में 'फुटबॉल शुटबॉल हाय रब्बा' के नाम से डब होने वाली यह फिल्म लंदन में रहने वाले एक रूढीवादी हिंदू परिवार में पली बढ़ी लड़की की कहानी है जो फुटबॉलर बनना चाहती है। इसके लिए उसे अपने घर वालों से जूझना पड़ता है। बेशक यह फिल्म फुटबॉल को लेकर है जो उत्तर कोरिया का सबसे पसंदीदा खेल है लेकिन इसमें समलैंगिकता और अलग-अलग नस्ल के लोगों के बीच रिश्तों से जुड़े कई ऐसे मुद्दे भी उठाए गए हैं जिन पर कम्युनिस्ट उत्तर कोरिया में कभी खुल कर बात नहीं होती।

उत्तर कोरिया लगभग पूरी तरह बाहरी दुनिया से कटा है। खासकर पश्चिमी देशों से सूचना और संस्कृति का आदान प्रदान न के बराबर है। मीडिया पर पूरी तरह सरकार का नियंत्रण है। देश में कोई प्राइवेट टीवी चैनल नहीं है। जनता तक सूचना का इकलौता माध्यम सरकारी रेडियो, टीवी और अखबार ही हैं, जो पूरी तरह सरकारी नीति पर चलते हैं। मजे की बात यह है कि वहाँ टीवी पर विज्ञापन तक दिखाने की अनुमति नहीं है।

ए कुमार/एस गौड़

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